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15वें वित्त की राशि को लेकर पार्वती राजपूत ने सीएम शिवराज सिंह को लिखा पत्र ।

छतरपुर जिला पंचायत इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर जिले में जिला पंचायत के 22 वार्ड हैं इन सभी वार्डों में जनता के द्वारा चुने गए जिलापंचायत के निर्वाचित सदस्य हैं। परंतु 15वें वित्त की करोड़ों रुपए की राशि केवल कुछ चुनिंदा लोगों के वार्डों में जारी की गई है। जबकि 19 सदस्यों के वार्डों में 15वें वित्त की कोई भी राशि जारी नहीं की गई है। जिसके चलते जिला पंचायत के सदस्यों में भारी आक्रोश देखा गया है।

इस संबंध में जिलापंचायत की उपाध्यक्ष पार्वती राजपूत ने एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दिनांक 02.06.2023 को लिखा है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि जिला पंचायत में वर्ष 2022-23 के लिए 15वें वित्त की राशि का दुरुपयोग किया गया है। कार्ययोजना स्वीकृत होने के बाद भी जिला पंचायत की अध्यक्ष विद्या अग्रिहोत्री और गौरिहार क्षेत्र के कुछ चलनियां सदस्यों के वार्डो को यह राशि जारी की गई है। मजेदार बात ये है कि पूर्व सीईओ एबी सिंह ने पूर्व में जो कार्ययोजना बनाई गई थी उसे दरकिनार कर दिया था और कोई भी राशि जारी नहीं की थी। परंतु जिला पंचायत की नई सीईओ श्रीमती तपस्या परिहार के द्वारा जिला पंचायत की अध्यक्ष विद्या अग्रिहोत्री के दबाव में उनके वार्ड के लिए 5 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। जिसको लेकर सदस्यों में भारी आक्रोश है।

संभवत: एक दो दिन में जिला पंचायत के सदस्यों के द्वारा छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर और जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती तपस्या परिहार के खिलाफ आंदोलन किया जा सकता है। जिन सदस्यों ने शिकायत पत्र सौंपा है उनमें देवीदयाल अहिरवार, कामता प्रसाद अहिरवार, श्रीमती सबिता पटेल, श्रीमती अभिलाषा अहिरवार, रविन्द्र कुमार पटेल, श्रीमती प्रीति यादव, कमलेश यादव, अशोक पटेल, श्रीमती माना पटेल, श्रीमती ममता कुशवाहा, शशिकांत शुक्ला एवं श्रीमती खेमाबाई अहिरवार प्रमुख है। तत्काल 15वें वित्त की राशि सभी वार्डों में सामान रूप से जारी किए जाने की मांग की है। हालांकि इस संबंध में जिला पंचायत की अध्यक्ष विद्या अग्रिहोत्री के पति हरिओम अग्रिहोत्री के द्वारा पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा है कि कुछ लोगों के द्वारा आगामी विधानसभा में चुनाव बड़ामलहरा विधानसभा से भाजपा की टिकट न मिले इसके लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है। सभी सदस्यों को सामान्य रूप से राशि दी जा रही है।

हालांकि इस सबंध में जिला पंचायत की सीईओ तपस्या परिहार से दूरभाष पर बात करनी चाही तो उनका फोन स्विच ऑफ बता रहा था। फिलहाल जिला पंचायत में 15वें वित्त की राशि में हुए घोटाले को लेकर शहर में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए जो खरीद फरोख्त की गई थी व सदस्यों को अध्यक्ष चुनने के लिए जो मोटी रकम मिली थी उसी रकम की यह वसूली बताई जाती है।

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