- एक गुब्बारा जनवरी 2022 में भारत के ऊपर भी मंडरा चुका
- पाकिस्तान के ड्रोनों से हथियार गिराने के मामले भी सामने आए
नई दिल्ली। चीन और अमेरिका के रिश्ते कुछ गुब्बारों ने बेहद बिगाड़ दिए हैं। लेकिन ये गुब्बारे सामान्य नहीं हैं। अमेरिका का आरोप है कि ये जासूसी गुब्बारे हैं। आशंका यहां तक है कि इनसे परमाणु बम भी गिराए जा सकते हैं। संभवतः इसलिए अमेरिका ने इन गुब्बारों को मार गिराया और अब इनके अवशेषों की जांच की जा रही है। बहरहाल यह तो अमेरिका की बात हुई, लेकिन भारत भी इन खतरों से अछूता नहीं है। कुछ साल पहले चीन ने भारत में भी ऐसे गुब्बारे भेजे थे। हाल के दिनों में पाकिस्तान के ड्रोनों से हथियार गिराने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में भारत के दुश्मन देशों की यह करतूतें हमें भी परेशान कर सकती हैं। ऐसे में जरूरी होगा कि अमेरिका के जैसे आक्रामक रूख अपनाया जाए और दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए।
चीन के दावे को अमेरिका ने नकारा
चीन से 12 हजार किलोमीटर दूर और जमीन से 24 किलोमीटर ऊपर अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारा उड़ने पर चीन का कहना है कि ये मौसम की जानकारी जुटा रहा था। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के इस दावे को नकार दिया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे गुब्बारे का मकसद मौसम की जानकारी जुटाना या सिर्फ जासूसी करना नहीं है। आशंका है कि चीन परमाणु हमले के लिए कोई नया तरीका ईजाद कर रहा हो। हैरत की बात तो यह है कि ऐसा ही एक गुब्बारा जनवरी 2022 में भारत के ऊपर भी मंडरा चुका है।
रडार की पकड़ में नहीं आता जासूसी गुब्बारा
बताया जाताह है कि चीन का जासूसी गुब्बारा 120 फीट चौड़ा और 130 फीट लंबा था। इन गुब्बारों में हीलियम गैस होने की वजह से ये आमतौर पर जमीन से 37 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखते हैं। इनका इस्तेमाल मौसम से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए किया जाता रहा है। इनसे जासूसी भी की जाती है और हैरत की बात यह है कि यह रडार की पकड़ में भी नहीं आते।