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सांसद राकेश सिंह ने कहा- जब मैं शराब पीता ही नहीं.. तो शराब नीति के बारे में क्या बताऊं

मध्यप्रदेश में नई शराब नीति पर सांसद राकेश सिंह का बयान, लोगों से की अपील शराब न पीएं
जबलपुर। अब मप्र में महंगी नहीं सस्ती शराब होने वाली है। ऐसे में पियक्कड़ों को थोड़ी-थोड़ी शराब पीने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल प्रदेश की शिवराज सरकार ने नई शराब नीति में मदिरा सस्ती करने का निर्णय क्या लिया, राजनीति का पारा चढ़ गया। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने तो शराब को औषधि तक बता दिया। उन्होंने कह दिया कि कम मात्रा में शराब पीने से यह किसी आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं है। हां, अधिक मात्रा में शराब लो तो यह किसी जहर से कम नहीं है। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते कहते हैं कि उन्हें तो शराब की कीमत का पता ही नहीं है। कुछ ऐसा ही बयान सांसद राकेश सिंह का भी आया है। राकेश सिंह ने कह दिया कि जब मैं शराब पीता ही नहीं तो शराब नीति के बारे में क्या बताऊं।
दरअसल मध्यप्रदेश में नई शराब नीति शिवराज सरकार जल्द लागू करने वाली है। अप्रैल से शराब 20 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएगी। यानि कि जो बोतल 100 रूपए में आती थी, वह अब 80 रूपए में मिलेगी। यही नहीं सरकार ने रसूखदारों के लिए होम बार खोलने की व्यवस्था भी कर दी है। यही नहीं एयरपोर्ट और सुपर मार्केट में भी अब आसानी से शराब के जाम छलकेंगे। माना जा रहा है कि यह पूरी कवायद शराब की खपत बढ़ाने के लिए की जा रही है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में शराबबंदी को लेकर 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे से शराबबंदी के लिए अभियान शुरू करने का एलान किया है। शराब नीति से जुड़े मामले में लोकसभा के मुख्य सचेतक व जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। जबलपुर में बूथ विस्तारक संपर्क के दौरान पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने कहा मैं तो शराब पीता नहीं हूं। सरकार ने शराब को लेकर जो निर्णय लिए होंगे, वह काफी सोच समझकर ही लिये होंगे। बीजेपी सांसद राकेश सिंह आम जनता से अपील भी कि की किसी को भी शराब नहीं पीना चाहिए। राकेश सिंह ने कहा कि सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए कोई काम करती है तो सोच समझकर ही करती होगी। सरकार ने शराब नीति को लेकर पहले विशेषज्ञों से सलाह ली होगी, उसके बाद ही निर्णय लिया होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नई शराब नीति पर अपना बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि शिवराज सरकार सबको नशे में रखना चाहती है, ताकि किसी को सच्चाई का पता न चल सके। बहरहाल मध्यप्रदेश में अगर शराब सस्ती होती है और हर जगह आसानी से मिलती है तो पियक्कड़ों के लिए यह किसी सौगात से कम नहीं है। इससे सरकार का राजस्व तो बढ़ जाएगा, लेकिन इसके दुष्परिणाम क्या होंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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