Homeताजा ख़बरमिशन-2023 : भाजपा के हौसले बुलंद, कांग्रेस में भी दिख रहा उत्साह

मिशन-2023 : भाजपा के हौसले बुलंद, कांग्रेस में भी दिख रहा उत्साह

  • सेमीफाइनल की तरह होंगे विधानसभा चुनाव, मप्र पर सबकी नजर
  • राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस उत्साहित

भोपाल। हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा ने गुजरात में सत्ता बरकरार रखी, तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर दिया। कुल मिलाकर मुकाबला 1-1 से बराबरी पर रहा। इस तरह देखा जाए तो दोनों पार्टियां उत्साहित हैं। भाजपा की गुजरात में रिकॉर्डतोड़ जीत कई मायनों में भाजपाइयों का उत्साह बढ़ाने के लिए काफी है। वहीं हिमाचल में कांग्रेस की जीत भले ही स्थानीय नेताओं के बदौलत हो, लेकिन कांग्रेस को इससे राहत जरूर मिली है। अब सबकी नजरें 2023 पर हैं। अगले साल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं। मध्यप्रदेश में मुकाबला बराबरी का हो गया है। बराबरी का इसलिए क्योंकि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा करके लौट चुके हैं, जिससे कांग्रेस उत्साहित है। वहीं गुजरात में जीत से भाजपा का जोश हाई है।

लोकसभा के पहले आखिरी जंग

2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे। जाहिर है इससे पहले हर पार्टी कहीं न कहीं जीत दर्ज जरूर करना चाहेगी। भाजपा ने तो अपनी तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। मप्र में शिवराज सिंह चौहान चुनाव मोड में आ चुके हैं। अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे तो अब महज 11 माह का ही समय रह गया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में होने चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए सेमीफाइनल की तरह हैं। जो भी पार्टी इन चुनावों में जीत दर्ज करेगी, वह लोकसभा चुनाव में उत्साह से लबरेज नजर आएगी।

आप के लिए आखिरी मौका

गुजरात में आम आदमी पार्टी के दावे खोखले निकले। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आईबी की रिपोर्ट है कि गुजरात में आप की सरकार बनेगी। लेकिन जब नतीजे आए तो आम आदमी पार्टी भाजपा की आंधी में उड़ गई। यानि कि यह साफ हो गया कि फेंकोलॉज में आप का कोई जवाब नहीं है। हिमाचल व गोवा समेत अन्य राज्यों में भी आप की यही हालत हुई है। हां, वोट परसेंटेज के हिसाब से जरूर आप राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर है, लेकिन उसका मकसद कांग्रेस की जगह लेना ही है। मध्यप्रदेश में भी आप का संगठन खड़ा हो रहा है। लेकिन लगता नहीं कि वह तीसरा विकल्प साबित होगी, क्योंकि यहां मुकाबला तो कांग्रेस-भाजपा में ही होना है।

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