- 75वें रविवार भी जारी रहा सिहोरा जिला आंदोलन, 10 अप्रैल को होगी महारैली
- विधानसभा चुनाव से पहले जिला बनने का मौका, लोग लगा रहे उपेक्षा का आरोप
जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों रीवा जिले के मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही मऊगंज अब प्रदेश का 53वां जिला होगा। आबादी की दृष्टि से देखा जाए तो यह छोटा जिला ही होगा जिसमें 2 विधानसभा और 4 तहसीलें होंगी। मऊगंज के जिला बनाने के ऐलान के साथ ही जबलपुर से लगे सिहोरा तहसील को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति का धरना-प्रदर्शन 75 रविवार से लगातार जारी है। समिति ने सरकार पर सिहोरा की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए घोषणा की कि अब आर-पार की लड़ाई का शंखनाद करते हुए विशाल आम सभा और महारैली सोमवार 10 अप्रैल को निकाली जाएगी।
काश..! सिहोरा में भी होता गिरीश गौतम जैसा नेता
जिस तरह शिवराज सिंह चौहान ने अचानक मऊगंज को जिला बनाने का ऐलान किया, उसके पीछे राजनीतिक वजह भी है। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की मांग पर सीएम को यह निर्णय लेना पड़ा। लेकिन सिहोरा में उस कद का कोई नेता नहीं है, जो सरकार तक जनता की बात पहुंचा सके। विधायक नंदनी मरावी ने प्रयास जरूर किए, लेकिन वह फलीभूत नहीं हो पाए। अन्य नेताओं में वह सामर्थ्य दिखाई नहीं देता कि वे खुलकर सिहोरा की जनता के साथ खड़े हो सकें या इस आंदोजन को इतना विशाल बना सकें कि सरकार को झुकना पड़े।
मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद का मिलेगा साथ
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के नागेंद्र क़ुररिया ने बताया कि 10 अप्रैल को होने वाली आमसभा में संपूर्ण सिहोरा, मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद विकासखंड के नागरिक शामिल होंगे। समिति के अनिल जैन, अमित बक्शी, राम लाल यादव, रामजी शुक्ला ने दोहराया जब तक सिहोरा जिला नहीं बन जाता, उनका यह आंदोलन इसी प्रकार से निरंतर जारी रहेगा। 10 अप्रैल को होने वाली रैली तक अगर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने सिहोरा को जिला नहीं बनाया तो फिर सरकार को सरकार की ही भाषा में समझाते हुए आंदोलन को नई दिशा दी जाएगी।
जिला बनते-बनते चूक गया सिहोरा
मध्य प्रदेश सरकार ने 11 जुलाई 2003 को जारी राजपत्र में सिहोरा, मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद विकासखंडों को सिहोरा जिला में शामिल करते हुए सीमा का निर्धारण करने वाला राज्यपाल के हस्ताक्षर युक्त राजपत्र का प्रकाशन किया था। इसके बाद 1 अक्टूबर 2003 को मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने सिहोरा जिला की विधिवत मंजूरी दी थी। अंतिम अधिसूचना जारी होने के पूर्व विधानसभा आचार संहिता लग जाने के कारण 26 जनवरी 2004 को लागू होने वाला सिहोरा जिला आज 19 वर्षों बाद भी जिला बनने से वंचित है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी घोषणा की लेकिन सिहोरा आज तक जिला नहीं बन पाया।
हर हाल में लेकर रहेंगे सिहोरा जिला
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के मानस तिवारी ने कहा कि वर्तमान का डेढ़ वर्षों से चल रहा आंदोलन किसी की सरकार बनाने या किसी की सरकार गिराने का आंदोलन नहीं बल्कि जिस सरकार को सिहोरा की जनता ने गत 20 वर्षों से सिहोरा की सत्ता सौंपी है उससे क्षेत्र के सम्मान को प्राप्त करने का संघर्ष है। सिहोरा जिला आंदोलन किसी को हराने या जिताने का आंदोलन नहीं है लेकिन हम हर हाल में इसी सरकार से इसी कार्यकाल में सिहोरा जिला लेकर रहेंगे।