वर्देश्वर महादेव मंदिर में चल रहे नशे के कारोबार से आहत स्थानीय लोग, कहा-गंजेड़ी करते हैं महिलाओं से अभद्र व्यवहार

जबलपुर। बरगी हिल्स शाहनाला स्थित वर्देश्वर महादेव मंदिर नशेडिय़ों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। वर्देश्वर महादेव मंदिर में जो चंद लोग जमे रहते हैं, उन्हें पूजा पाठ से कोई मतलब नहीं है। अब इन तस्वीरों को देखिए.. कैसे दो-चार लोग ही वर्देश्वर महादेव की आरती करते नजर आ रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि इनमें से कोई भी आरती में शामिल नहीं होता। लोग कहते हैं कि ये लोग गांजा पीकर रामायण पाठ करने की औपचारिकता निभाते हैं। राजेश पुरी बाबा ने यहां अपनी टपरिया बना रखी है और आरोप हैं कि यहीं से गांजा पीने-पिलाने के साथ ही बेचने का काम भी होता है। देखिए इस वीडियो में रामायण का पाठी दिख रहा है, तो सीताराम कमरे में बैठा दिखाई दे रहा है। आरती में दो तीन लोग दिख रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि मंदिर की आड़ में सीताराम बाबा, राजेश पुरी बाबा, शिशिन उपाध्याय, उत्तम चन्द जैन, शैलेन्द्र सिंह व उनकी गैंग गांजा पीती और पिलाती है।
हमने पहले भी बताया है कि किस तरह मंदिर परिसर में गांजा पीया और पिलाया जाता है। बाबा राजेश पुरी खुद स्वीकार कर रहा है कि गांजे की खेप घमापुर से आती है। बाबा राजेश पुरी कह रहा है कि उसके 10-12 हजार भक्त हैं, जो गांजा पीते हैं। स्थानीय लोगों का सवाल है कि आखिर हजारों भक्तों के लिए गांजा कहां से आता है। घमापुर के अलावा कहां-कहां से नशा करने के लिए गांजा की सप्लाई होती है। पिछले दिनों तिलवारा पुलिस ने 15 लाख का गांजा पकड़ा था। स्थानीय लोगों को अंदेशा है कि इसके तार भी कहीं न कहीं इन नशेडिय़ों से जुड़े हो सकते हैं। यह बात सभी जानते हैं कि बाबा राजेश पुरी, उत्तम चंद जैन, शिशिन उपाध्याय और शैलेंद्र सिंह गांजा पीते हैं। संभवत: नशे के काले कारोबार को बचाने के लिए ही ये लोग बाबा राजेश पुरी को ढाल बनाकर घूम रहे हैं।
एक समय था जब यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी। श्री राम नवमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, कार्तिक माह और सावन माह में महीने भर धार्मिक अनुष्ठान होते थे। मंदिर में सुबह से लेकर रात तक चहल-पहल रहती थी, लेकिन अब स्थिति यह है कि व्यसन करने वालों के कारण लोग यहां दिन में भी जाने से डरते हैं। बस्ती के लोगों और श्रद्धालुओं ने वर्देश्वर महादेव मंदिर में आना पूरी तरह बंद कर दिया है।
वर्देश्वर महादेव मंदिर में चल रहे नशे के कारोबार से स्थानीय लोग भी आहत हैं। मंदिर में चल रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ क्षेत्रीय लोगों ने एसपी जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा से शिकायत की है। उनका कहना है कि असामाजिक तत्व मंदिर को गांजा बेचने का अड्डा बनाना चाहते हैं, इसलिये मंदिर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्यों में अवरोध पैदा किया जा रहा है। मंदिर में आने वाली महिलाओं से गालीगलौज और अभद्र व्यवहार किया जाता है। यही कारण है कि महिलाओं ने दोपहर में भजन कीर्तन भी बंद कर दिया है। अगर समय रहते पुलिस-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।
शाहनाला बस्ती के लोगों का कहना है कि वरदेश्वर महादेव मंदिर में पिछले दो माह से गांजा पीने वालों ने माहौल बिगाडक़र रख दिया है। दर्शनार्थी एवं महिलाएं मंदिर नहीं जा पा रही हैं। मंदिर में शैलेंद्र सिंह, उत्तम चंद जैन एवं शिशिन उपाध्याय और उनके साथी गांजा बेचते और पीते-पिलाते हैं। इन लोगों ने मंदिर के पास एक टपरिया में बाबा राजेश पुरी को बैठा दिया है, जो नशे के इस कारोबार में उनका सहयोगी बना हुआ है। शिशिन उपाध्याय, उत्तम चंद जैन और शैलेन्द्र सिंह जैसे असामाजिक तत्वों के कारण बस्ती एवं मंदिर का माहौल पूरी तरह खराब हो चुका है। बस्ती के लोगों का यह भी कहना है कि वे 25 वर्षों से नित्य रामायण पाठ एवं पूजन-पाठ करने मंदिर जाते रहे हैं, लेकिन अब बाबा राजेश पुरी उनसे अभद्रता करता है और कहता है कि तुम बस्ती वाले लोगों के कारण हमारा धंधा खराब हो रहा है।
क्षेत्रीय लोगों ने भगवान भोलेनाथ की आराधना करने और पूजन पाठ करने में व्यवधान उत्पन्न करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भी इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने सीएसपी बरगी प्रियंका शुक्ला को यहां चल रही असामाजिक गतिविधियों की जांच करने का जिम्मा सौंपा है। साथ ही विधि अनुसार कार्रवाई करने की बात भी एसपी ने कही है।
एक तरफ केंद्र सरकार ने काशी विश्वनाथ कारीडोर का सपना पूरा कर दिया है, तो वहीं राज्य सरकार भी उज्जैन स्थित भगवान महाकाल मंदिर को भव्य स्वरूप देने का संकल्प कर चुकी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि करीब 700 साल पुराने ऐतिहासिक वर्देश्वर महादेव मंदिर को नशेडिय़ों से कब मुक्ति मिलेगी। इस मंदिर में गोंडवाना रानी दुर्गावती और उनके वंशज भी पूजन करने आते थे। अब लोगों को इंतजार है कि मंदिर का पुराना वैभव लौटे और श्रद्धालु फिर से यहां पूजन-अर्चन के लिए आ सकें। वर्देश्वर महादेव मंदिर के अस्तित्व को बचाने और असामाजिक तत्वों को यहां से दूर रखने के लिए शहर के श्रद्धालुओं के साथ ही पुलिस-प्रशासन को भी आगे आना होगा, ताकि मंदिर का प्राचीन वैभव फिर से स्थापित हो सके।

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