- वाराणसी के बाद जबलपुर में भी शुरू होगा रोपवे, जबलपुर स्टेशन से होते हुए ग्वारीघाट-गुरुद्वारा तक बनेगा
- जबलपुर रोप-वे सिटी ट्रांसपोर्ट शुरू करने वाला चौथा शहर बनेगा, इंदौर-भोपाल के बाद शहर को मेट्रो का इंतजार
- हमारे नेता थोड़ा जोर लगा लें, तो विधानसभा-लोकसभा चुनाव के पहले यह सपना भी साकार हो सकता है
जबलपुर। जबलपुर शहर अब बड़ा गांव नहीं रहा। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर बन रहा है। स्मार्ट सिटी के कई काम चल रहे हैं। रिंग रोड बनने वाली है तो रोपवे भी शुरू होने की उम्मीद शहरवासियों को है। शहर के विकास की उम्मीद तो जग रही है, लेकिन इसे समय पर पूरा होना जरूरी है। कांग्रेस सरकार ने जबलपुर में लाइट मेट्रो शुरू करने की बात कही थी। लेकिन बीजेपी सरकार के आते ही यह बात हवा-हवाई हो गई। हां भोपाल-इंदौर में जरूर मेट्रो ट्रेन का सपना पूरा होने वाला है। ऐसे में हमारे नेता थोड़ा जोर लगा लें, तो विधानसभा-लोकसभा चुनाव के पहले यह सपना साकार भी हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की है रोपवे की घोषणा
वाराणसी में ६४४ करोड़ रुपयों लागत से बनने वाला साढ़े 3 किलोमीटर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे तैयार किया जा रहा है। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये सौगात दी है। कुछ ऐसे ही रोपवे संस्कारधानी जबलपुर में भी साकार होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए जबलपुर स्टेशन से एम्पायर टॉकीज, कटंगा, साउथ एवेन्यू मॉल होते हुए नर्मदा पर ग्वारीघाट-गुरुद्वारा तक रोप-वे की मंजूरी दी है। इस तरह जबलपुर मध्य प्रदेश का दूसरा शहर है, जहां रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। वाराणसी के बाद जबलपुर रोप-वे सिटी ट्रांसपोर्ट शुरू करने वाला चौथा शहर बनेगा। इससे शहर की तकरीबन चौदह लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए जबलपुर स्टेशन से एम्पायर टॉकीज, कटंगा, साउथ एवेन्यू मॉल होते हुए नर्मदा पर ग्वारीघाट-गुरुद्वारा तक रोप-वे से लोग शहर की खूबसूरती को निहार सकेंगे।
मां नर्मदा और शहर की हरियाली के दीदार कर सकेंगे
सिविक सेंटर से मालवीय चौक, लार्डगंज, बड़ा फुहारा, बल्देवबाग तक रोप-वे की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे स्वीकृति मिल चुकी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काम करने के तौर तरीके से जाहिर है कि जबलपुर में यह प्रोजेक्ट जल्द धरातल पर उतरेगा। अनुमान है कि पहले फेज के रोपवे की लंबाई लगभग 10 किलोमीटर होगी और इसमें 8 से 10 स्टेशन हो सकते हैं। रोपवे शुरू होने से शहरवासियों के साथ-साथ पर्यटक भी मां नर्मदा और शहर की हरियाली के दीदार कर सकेंगे।