देश में परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के कारण पर्यावरण को पहुंच रही क्षति को रोकना जरूरी
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी सेमिनार को वर्चुअल किया संबोधित
जबलपुर। देश के पर्यावरण को बचाने ग्रीन एनर्जी सबसे उचित विकल्प है। मध्यप्रदेश में इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। देश में परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के कारण पर्यावरण को पहुंच रही क्षति को रोकना अत्यावश्यक है। इसके लिए केवल सरकार पर आश्रित न रहकर जन भागीदारी बढ़ाने की भी आवश्यकता है। यह कहना है मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल का। वे जबलपुर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स लोकल सेंटर के तत्वावधान में ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में वर्चुअल शामिल हुए। उन्होंने इंस्टीट्यूशन आफ इंजिनियर्स जबलपुर लोकल सेंटर को देश के ज्वलंत विषय पर सेमिनार आयोजित करने पर बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि देश के प्रख्यात इंजीनियर और विशेषज्ञ इस सेमिनार में होने वाले चिंतन से किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे और इससे सरकार को भी अवगत कराएंगे ताकि प्रदूषण मुक्त ऊर्जा प्रदान करने सरकार की मंशा सुनिश्चित की जा सके।
राज्यपाल ने आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी नागरिक जागरुक रहें, ताकि प्रकृति का संतुलन कायम रखा जा सके। स्वागत भाषण जबलपुर लोकल सेंटर चेयरमैन इंजीनियर प्रकाश चंद दुबे ने दिया। कन्वीनर डॉ. विवेक चंद्रा ने सेमिनार के विषय वस्तु के बारे में बताया। अध्यक्षता आईईआई के अध्यक्ष डॉ हेमंत ठाकरे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आईआईआई टीडीएम जबलपुर के डायरेक्टर डॉ प्रवीण कोंडेकर, वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर डाक्टर राकेश कुमार गुप्ता आईआरएस उपस्थित थे। संचालन श्रीमती अंजनी पांडे और आभार प्रदर्शन लोकल सेंटर जबलपुर के सचिव इंजी.संजय मेहता ने किया।
क्लीन एनर्जी से संबंधित सरकार की नीतियां बताईं
सेमिनार में पंडित द्वारका प्रसाद मिश्रा आईआईआईटीडीएम जबलपुर के डायरेक्टर डॉ प्रवीण कोंडेकर ने की-नोट ऐड्रेस दिया एवं प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पश्चिम मध्य रेल जबलपुर डॉ राकेश कुमार गुप्ता आईआरएस द्वारा एमएस ठाकर मेमोरियल लेक्चर प्रस्तुत किया गया। दो सत्रों में चले सेमिनार के पहले दिन इंजी.अनुराग मिश्रा, डॉक्टर एस धर्मालिंगम ,डॉक्टर के.एस.गांधी, इंजी. के. के. मूर्ति, डॉ राजेश कुमार अरोरा ने ग्रीन एनर्जी पर अपने व्याख्यान दिए। शिखा त्रिपाठी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्लीन एनर्जी से संबंधित सरकार की नीतियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।