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मध्य प्रदेश से शुरू हो गोमाता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की पहल, अन्य राज्यों में भी होगा अमल-महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि

जबलपुर। मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद् के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गोवंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि अगर मध्यप्रदेश से गोमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, तो इस पर अन्य राज्य भी अमल करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय के द्वारा गोवंश से संबंधित एक अत्यंत महत्वपवूर्ण निर्णय के संदर्भ में सम्माननीय जजों द्वारा जो टिप्पणी की गई है, वह बेहद महत्वपूर्ण है। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृ़ति का अभिन्न हिस्सा है और वो आस्था का विषय भी है। इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की है कि अगर गाय को भी राष्ट्रीय प्राणी घोषित कर दिया जाए तो बड़ा अच्छा होगा और गाय के लिए बहुत अच्छे ढंग से काम करने की योजना बनाई जा सकेगी।
महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि मैं मध्ययप्रदेश गोसंवर्धन बोर्ड के बहुत महत्वपूर्ण दायित्व में हूं और मेरी भी भावना इन सब बातों से जुड़ती है। इसलिए मैं भी मांग करता हूं कि निश्चित रूप से गाय को राष्ट्रीय प्राणि घोषित किया जाना चाहिए। इससे जनता का, समाज का और जो अनर्गल प्रलाप करने वाले लोग हैं, उनका गाय को देखने का दृष्टिकोण बदलेगा और हम सकारात्मक ढंग से गाय के लिए, गोवंश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं और खासतौर पर संकल्पवान और गोवंश के लिए अत्यंत संवदेशनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करूंगा कि वे मध्य्रपदेश में उप्र हाईकोर्ट की टिप्पणी के संबंध वो निर्णय लें। उन्होंने कहा कि हम जब नर्मदा को जीवंत इकाई घोषित कर सकते हैं तो फिर गाय तो प्रत्यक्ष देवता है। 33 कोटि देवी-देवता उसमें निवास करते हैं। हम गोवंश के प्रति बहुत उदार राज्य के नागरिक हैं, मुखिया हैं। इस नाते गोवंश को प्रदेश का रक्षणीय प्राणी घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि वैसे भी मप्र में कानून गोवध प्रतिशेध अधिनियम है, जिसके माध्यम से भारतीय गोवश के वध पर पूर्णत: प्रतिबंध है। फिर भी यदि उप्र हाईकोर्ट की टिप्पणी के अनुकूल मप्र में होता है तो बहुत प्रसन्नता होगी। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि ये कार्य अवश्य करना चाहिए और इसकी पहल मध्य से शुरू होगी तो अन्य राज्य भी अमल करेंगे।

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