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फीस नहीं दी तो निजी स्कूल में एक घंटे देरी से दिया पेपर, कहा-बच्चा झूठा बोल रहा

  • दमोह नाका स्थित स्कूल में चल रहे प्रीलिम्स, फीस वसूली पर पूरा जोर

जबलपुर। शहर के एक निजी स्कूल में पूरी फीस जमा नहीं होने पर बच्चे को एक घंटा देरी से पेपर दिया गया। बच्चे ने यह बात घर में बताई तो दूसरे दिन अभिभावक स्कूल पहुंचे। हालांकि स्कूल प्रबंधन परीक्षा से रोकने के आरोपों से इंकार कर अब बच्चे को झूठा साबित करने पर तुला हुआ है।
दिसंबर तक की फीस जमा
करमेता निवासी नीतू साहू ने बताया कि दमोह नाका स्थित आदित्य कॉन्वेंट स्कूल में शुक्रवार को कक्षा तीसरी में पढ़ रहे उनके बेटे ओजस (10) के प्रीलिम्स एक्जाम थे। इस दौरान पूरी फीस जमा नहीं करने पर चार-पांच छात्रों को स्कूल की शिक्षक श्रेजल ने एक घंटा देरी से पेपर दिया। बच्चे ने जैसे-तैसे पेपर दिया और यह बात अपने बड़े भाई को बताई। शाम को कोचिंग से लौटने के बाद मां से रात में टीचर को फोन लगाने के लिया कहा। नीतू साहू का कहना है कि उनके पति के बड़े भाई का इलाज के निधन हो गया है और सास भी बीमार रहती हैं, जिसके कारण उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसके बाद भी उन्होंने दिसंबर तक की फीस जमा कर दी है। स्कूल प्रबंधन 200 रूपए लेट फीस जोडक़र फीस देने के लिए दबाव डाल रहा है।
प्रिंसिपल ने डाला दबाव
स्कूल की प्रिसिंपल अरुणा सिंह ने बच्चे को बुलाकर अभिभावक के सामने दबाव डाला, तो बच्चा डर गया। उन्होंने साफ कह दिया कि बच्चा झूठ बोल रहा है। शिक्षिका ने भी पेपर देरी से देने से साफ इन्कार कर दिया।
यह मैसेज भी किया जा रहा
स्कूल के वाट्सएप ग्रुप में स्कूल प्रबंधन ने फरमान जारी किया है कि नर्सरी से 8वीं तक की पूर्व वार्षिक परीक्षा के प्रवेश पत्र प्राप्त करने के लिए जनवरी 2023 तक की फीस का भुगतान करें। पूर्व वार्षिक परीक्षा की फीस जमा होने पर ही परीक्षा ली जा सकेगी। यह शाला की आतंरिक परीक्षा है, इसलिए फीस भुगतान के बाद ही परीक्षा होगी।

फीस के लिए लिस्ट क्लास में भेजी जाती है और छात्रों को फीस जमा करने के लिए कहा जाता है। किसी भी बच्चे को परीक्षा देने से नहीं रोका जा रहा है।
-अरुणा सिंह, प्रिसिंपल, आदित्य कान्वेंट स्कूल।

ये आपका और स्कूल के बीच का मामला है। अगर स्कूल ने देरी से पेपर दिया, तो अतिरिक्त समय भी देना चाहिए था।
-घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर।

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