भ्रष्टाचार के कितने रक्तबीज.. एक ढूंढो.. सैकड़ों पैदा हो जाते हैं..?

कैसे मिटे रिश्वतखोरी का कलंट.. किसी को चिंता नहीं
जबलपुर। रक्तबीज ऐसा नाम.. जिससे सभी परिचित होंगे। पुराणों में इसका उल्लेख मिल जाता है कि एक रक्तबीज को जब देवी मां ने खत्म किया.. तो कई रक्तबीज पैदा हो गए। खैर..! यहां रक्तबीज का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सिस्टम में रहकर कई ऐसे लोग हैं, जो रिश्वतखोरी की चमक में अंधे हो चुके हैं। जब कोई बड़ी कार्रवाई होती है, तो लोगों की आंखें चौंधिया जाती हैं कि अरे..! एक अदने से बाबू के पास कैसे करोड़ों की संपत्ति मिल गई। जो कल तक फटेहाल घूमता था, वह करोड़ों का आसामी बन गया। कार्रवाई से आम आदमी को भले ही पसीना आ जाए.. लेकिन लगता है कि घूसखोरी के घुन बन चुके भ्रष्टाचारियों को किसी कार्रवाई का तनिक भी डर नहीं रहता। तभी तो भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कार्रवाई होती है.. तो कुछ दिनों में फिर कोई न कोई रंगे हाथों पकड़ा जाता है। ऐसे न जाने कितने होंगे, जिन तक कानून के हाथ नहीं पहुंच पाते और वे नए-नए तरीकों से जनता को लूटकर अपना घर भरते होंगे। ऐसे ही कुछ मामले हैं, जिनकी गूंज पिछले दिनों सुनाई दी।
महिला सरपंच की बेहिसाब कमाई
बात करें रीवा जिले की तो यहां बैजनाथ ग्राम पंचायत की महिला सचिव के आलीशान घरों में सुबह-सुबह लोकायुक्त की टीम पहुंच गई। जांच-पड़ताल की तो शाम तक यह निकलकर आया कि 12 करोड़ की संपत्ति मिली है। दूसरे दिन कार्रवाई हुई तो यह आंकड़ा 20 लाख तक पहुंचने के कगार पर पहुंच गया। महिला सरपंच सुधा जितेंद्र सिंह की शानोशौकत देखकर लोकायुक्त पुलिस भी दंग रह गई। करोड़ों के मकान, स्वीमिंग पुल के साथ गार्डन और बाहर खड़े 30 बड़े वाहन महिला सरपंच की रईसी बताने के लिए काफी थी। बहरहाल लोकायुक्त की इस कार्रवाई से अन्य जनप्रतिनिधियों पर कोई फर्क पड़ेगा, ऐसा लगता नहीं है।
समिति प्रबंधक ने मांगे 10 हजार
लोकायुक्त टीम रीवा ने रीवा में कार्रवाई के बाद सीधी में दबिश दी। यहां शिकायत मिल रही थी कि समिति प्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह रिश्वत लेने में मशगूल हैं। लोकायुक्त ने उसे 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ रिश्वत पकड़ा। यहां समिति प्रबंधक ने खाद्यान्न की वसूली राशि जमा करने के लिए सात दिवस की अवधि बढ़ाने के लिए विक्रेता से घूस मांगी थी।
सहायक पेंशन अधिकारी 19 हजार लेता धराया
एक और कार्रवाई जबलपुर में हुई। लोकायुक्त पुलिस ने सहायक पेंशन अधिकारी को पकड़ा, जो 7वें वेतनमान का अनुमोदन करने के लिए 38 सेवा पुस्तिका के हिसाब से 500-500 रुपए मांग रहा था। आरोपी सहायक पेंशन अधिकारी जबलपुर के कार्यालय संभागीय पेंशन अधिकारी जबलपुर में पदस्थ है।
किसानों को भी नहीं छोड़ा
दूसरे ही दिन एक और कार्रवाई नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में हुई, जहांं लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने किसान की शिकायत पर प्रबंधक व सर्वेयर को दबोचा। दोनों एक किसान से मूंग खरीदी के एवज में 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से रिश्वत मांग रहे थे। बहरहाल प्रबंधक शरद जैन एवं सर्वेयर महेंद्र कुमार को 500-500 रूपये के नोटों के माध्यम से 20 हजार रिश्वत लेते दबोचा गया।

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