दिल्ली। पूरे देश में इन दिनों खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की चर्चाए हैं। माना जा रहा है कि वह दूसरा भिंडरेवाला बन सकता है, जो पाकिस्तान के साथ-साथ देश को अलगाववाद की आग में झोंक सकता है। वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस पिछले चार दिन से तलाश रही है। अमृतपाल कहां है, अभी इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पंजाब पुलिस ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं, ताकि विद्वेष की भावना न फैले। अब इस मामले में हाई की तल्ख टिप्पणी आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को सरकार से पूछा कि जब एफिडेविट में अमृतपाल को देश के लिए खतरा बताया गया है तो उसे अभी तक पकड़ा क्यों नहीं गया? इस पर पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल विनोद घई ने कहा कि अमृतपाल अभी फरार है। उस पर एनएसए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि बहुत सी बातें वह यहां नहीं बता सकते।
पंजाब के 80 हजार पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे?
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि आपके 80 हजार पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे। साथी पकड़े गए तो अमृतपाल कैसे भाग गया। यह आपका इंटेलिजेंस फेलियर है। 4 दिन बाद फिर इस मामले की फिर सुनवाई होगी। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी है और पहली बार मीडिया के सामने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की शांति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी कट्टर देशभक्त पार्टी है।
अलग सिख देश बनाना चाहता है अमृतपाल
पंजाब पुलिस ने दावा किया कि अमृतपाल के ड्रग माफिया से संबंध थे। वह अलग सिख देश बनाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। ड्रग माफिया उसे फंडिंग कर रहे थे। आईएसआई उसे हथियार, गोला-बारूद और अन्य सुविधाएं मुहैया करवा रही थी। अमृतपाल सिंह जिस कार से भागा, वह ड्रग माफिया रावेल सिंह ने ही तोहफे में दी थी। खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला है कि अमृतपाल को पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जॉर्जिया में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी। वह आनदंपुर खालसा फोर्स बनाने के मंसूबे भी पाल रहा था। उसे पंजाब में गड़बड़ी कर देश का माहौल खराब करने की पूरी ट्रेनिंग जॉर्जिया में ले चुका था।