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कल्याण आश्रम और वनवासी कल्याण परिषद न होती तो जनजातीय क्षेत्र की क्या हालत होती-शिवराज

  • भोपाल के महाराणा प्रताप नगर में वनवासी कल्याण परिषद के शैक्षणिक एवं बहुउद्देशीय कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण किया
  • परिसर में महान स्वाधीनता सेनानी, जनजातीय नायक क्रांतिसूर्य टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण कर नमन किया

भोपाल। भोपाल के महाराणा प्रताप नगर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के साथ वनवासी कल्याण परिषद के शैक्षणिक एवं बहुउद्देशीय कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण किया। साथ ही परिसर में महान स्वाधीनता सेनानी, जनजातीय नायक क्रांतिसूर्य टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण कर नमन किया। सीएम ने कहा कि भारत एक अत्यंत प्राचीन एवं महान राष्ट्र है। हमारा हजारों साल पुराना ज्ञात इतिहास है। हमारी संस्कृति, जीवन मूल्यों व परंपराओं में जनजातीय समुदाय अभिन्न अंग है। सहज, सरल, शालीन, स्वाभिमानी, शिष्ट व संतोषी सच में जनजातीय समुदाय अद्भुत समाज है। कल की परवाह नहीं है। आज नाचेंगे, गाएंगे, मस्त रहेंगे और धरती के बिछौने पर आसमान की चादर ओढक़र सो जाएंगे। शिवराज ने कहा कि अगर कल्याण आश्रम और वनवासी कल्याण परिषद न होती तो हमारे जनजातीय क्षेत्र की आज क्या हालत होती?

वर्षों के कुचक्र, षड्यंत्र और फैलाए गए भ्रम को दूर किया

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले वर्षों में जो कुचक्र, षड्यंत्र और भ्रम फैलाए गए, उनको समाज से अलग करने की कोशिश की गईं, उसको विफल करने में कल्याण आश्रम और वनवासी जनजातीय कल्याण आश्रम ने अभिनंदनीय काम किया है। कल्याण आश्रम और वनवासी कल्याण परिषद से विनम्रता के साथ यह निवेदन करना चाहता हूं कि कुचक्रों को विफल करने के लिए केवल सरकार को नहीं, समाज को भी और कुछ कदम उठाने की जरूरत है।
प्रत्येक प्रावधान को जमीन पर उतारने पेसा कोर्डिनेटर्स बना रहे हैं
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में सामाजिक समरसता के साथ पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। पेसा कानून के प्रत्येक प्रावधान को जमीन पर उतारने के लिए हम पेसा कोर्डिनेटर्स बना रहे हैं। पेसा एक्ट किसी के विरुद्ध नहीं है। यह जनजातीय भाई-बहनों के सशक्तिकरण का प्रयास है। हर साल ग्रामसभा के सामने जमीनों की जानकारी रखी जाएगी, गड़बड़ी होने पर वहीं उसका सुधार किया जाएगा। जनजातीय भाई-बहनों की जमीन हथियाने के लिए जनजातीय बेटियों से शादी करने तक का कुचक्र रचते हैं कुछ लोग। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा।

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