रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन 23 फरवरी को शपथ लेंगे। वहीं रायपुर से सात बार सांसद रहे रमेश बैस महाराष्ट्र के राज्यपाल बन गए हैं। उन्होंने मुंबई के राजभवन में आयोजित समारोह में मराठी में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
आरक्षण विधेयक को सुलझाना होगी चुनौती
23 फरवरी को नए राज्यपाल के रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही स्वागत होगा। नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के सामने आरक्षण विधेयक को सुलझाने की एक बड़ी चुनौती होगी। साथ ही कुछ अन्य विधेयक भी राजभवन में अटके हैं, उनका भी भविष्य तय होगा। पिछली दिनों आरक्षण विधेयक को लेकर हाई कोर्ट भी सख्त रूख अपना चुका है। वहीं कांग्रेस और भाजपा में भी इसे लेकर तकरार है।
आंध्र के राज्यपाल रह चुके हैं बिस्वा भूषण हरिचंदन
बिस्वा भूषण हरिचंदन आंध्र प्रदेश में पिछले 4 वर्ष से राज्यपाल की भूमिका थे। वे मूलतः ओडिशा के रहने वाले हैं। एमएस लॉ कॉलेज कटक से उन्होंने एलएलबी की है। हरिचंदन 1965 में उच्च न्यायालय बार और 1971 में जनसंघ में शामिल हुए। ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में भी उन्होंने भागीदारी निभाई। बिस्वा भूषण हरिचंदन ओडिशा में 5 बार चुने जा चुके हैं और 4 बार मंत्री भी रह चुके हैं।
रायपुर से सात बार सांसद रहे रमेश बैस
रमेश बैस रायपुर से सात बार सांसद रहे हैं। अब वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बन गए हैं। रमेश बैस को महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश की जिम्मेदारी मिली है। 2019 में रमेश बैस को त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया था। जुलाई 2021 में बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। वहां झामुमो गठबंधन की सरकार में बैस की भूमिका ने कई टकराव और विवाद भी खड़े किए। अब वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, जहां भाजपा और शिवसेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे के गठबंधन की सरकार है।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल 23 को लेंगे शपथ, रमेश बैस ने मराठी में ली शपथ
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