HomeजबलपुरEarthquake in MP : जबलपुर में फिर भूकंप .. याद आया वो...

Earthquake in MP : जबलपुर में फिर भूकंप .. याद आया वो खौफनाक मंजर

महाकोशल समेत कई जिलों में महसूस हुए झटके, 22 जून 1997 को आया था तगड़ा भूकंप
जबलपुर। सुबह 8 बजकर 44 मिनट। सब कुछ सामान्य था। बच्चे स्कूल गए थे, तो कामकाजी लोग आफिस जाने की तैयारी में लगे थे। महिलाएं गृहस्थी के काम में जुटी थीं। तभी भूकंप का झटके महसूस हुआ। फिर क्या था कुछ लोग बाहर निकल गए। देखते ही देखते चर्चा सरगर्म हो गई। पता चला कि रिक्टर पैमाने पर 4.5 का भूकंप दर्ज हुआ है। इससे लोगों को 22 जून 1997 का वो खौफनाक मंजर याद आ गया, जब भूकंप के तेज झटकों ने शहर को हिला दिया था और भारी तबाही हुई थी। इसके बाद से भूकंप तो कई बार आए, लेकिन उतनी तबाही नहीं हुई।

रांझी के स्कूल में बच्चे सहम गए

भूकंप का केंद्र डिंडौरी जिले के समानापुर के ग्राम अड़ई को बताया गया है। भूकंप के झटके डिंडौरी, जबलपुर, मंडला, अनूपपुर, बालाघाट और उमरिया में भी महसूस किए गए। हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। सुबह आए भूकंप से जबलपुर के रांझी स्थित सेंट गैबरियल स्कूल रांझी में बच्चे सहम गए और स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को ग्राउंड के बाहर कर दिया। अन्य क्षेत्रों में भी कुछ सेकंड के लिए भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।
संवेदनशील है शहर
शहर में 22 मई, 1997 में आए भूकंप के तेज झटकों और भारी तबाही की यादें आज भी ताजा हैं। इसके बाद से ही जबलपुर को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले 2015-16 में भी कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। 5-6 साल के अंतराल के बाद फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।
41 लोगों ने गंवाई जान थी
जबलपुर में 22 मई 1997 को सुबह करीब 4 बजे भूकंप के तगड़े झटके आए थे। भूकंप में हजारों घरों को नुकसान हुआ था। भूकंप के झटके सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला समेत कई जिलों में महसूस किए गए थे और यहां नुकसान भी हुआ था। 6.2 रिक्टर तीव्रता के भूकंप से शहर और आसपास के इलाकों में जमकर तबाही मची थी। सरकार के मुताबिक इस भूकंप में करीब 41 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। निजी-सरकारी भवन बड़ी तादात में क्षतिग्रस्त भी हुए थे। आपदा प्रबंधन की सूची में जबलपुर देश में 38 और प्रदेश के 16 अतिसंवेदनशील शहरों में शामिल है। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक यहां भूकंप आने की आशंकाएं अन्य जगहों की अपेक्षा कहीं ज्यादा रहती हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments