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ओलावृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करें, 10 दिन में बाँटें राहत राशि

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास यात्रा का लिया फीडबैक, किसानों के आंसू पोंछने के दिए निर्देश

भोपाल। ओलावृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करें और 10 दिन के भीतर राहत राशि बाँटना शुरू की जाए। फसल क्षति सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं। मुख्यमंत्री देर रात निवास कार्यालय में विकास यात्रा के फीडबैक संबंधी बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। बैठक में मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि और जिलों के प्रशासनिक अधिकारी वर्चुअली जुड़े थे। सीएम ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की पूरी कार्यवाही गंभीरता से हो। खरीफ फसलों के लिए खाद का अग्रिम भंडारण करें। किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय में असुविधा नहीं होना चाहिए। साथ ही भुगतान समय पर सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में पेयजल की व्यवस्था बेहतर एवं सुचारू बनी रहे। प्रतिदिन जल प्रदाय हो, जहाँ पेयजल परिवहन की व्यवस्था करना है, उसकी भी तैयारी अग्रिम रूप से कर लें।
यात्रा का स्वरूप अद्भुत था
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास यात्राएँ व्यवस्थित और अभूतपूर्व तरीके से हुई हैं। यात्राओं में सरकार के साथ समाज भी जुड़ा है। सभी 230 विधानसभाओं में यात्राएँ हुई और सभी ओर यात्रा की प्रशंसा हुई है। कलेक्टर्स ने कई नवाचार भी किए हैं। यात्रा का स्वरूप अद्भुत था। मुख्यमंत्री ने यात्रा की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा का फॉलोअप हो। इस दौरान जो कमी मिली हो, उसे पूरा किया जाये। शेष रहे कार्यों को भी पूरा करें। यात्रा तभी परफेक्ट होगी जब जीरो डिफेक्ट होगा। यात्रा की रिपोर्ट भेजी जाए, जिससे कमियों को पूरा किया जा सके।
मील का पत्थर साबित होगी लाड़ली बहना योजना
शिवराज ने कहा कि कि लाड़ली बहना योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो बहनों की जिंदगी बदलने में मील का पत्थर साबित होगी। बहनें योजना के लाभ से वंचित नहीं रहें। प्राण-प्रण से योजना का लाभ दिलवाने में जुट जाएँ। गाँव और वार्ड में पहुँचकर बहनों के आवेदन भरवाए जाएँ। बहनों को कोई असुविधा नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस बार गेहूँ उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। किसानों के हित में समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन की व्यवस्थाएँ अच्छी हों। उपार्जन व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें।

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