नई दिल्ली। पाकिस्तान बर्बादी की राह पर है। कल ही आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज देने से हाथ खडे़ कर दिए, तो पाकिस्तान को दिन में ही तारे नजर आने लगे। अब हालात यह हैं कि पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज है और भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। अगर कोई बड़ी वित्तीय मदद नहीं मिली, तो हो सकता है कि एक सप्ताह में पाकिस्तान का दिवालिया निकल जाए। इस तरह पाकिस्तान अपनी आजादी के 76 सालों में 23वीं बार दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है। मगर इस बार बर्बादी की वजह चीन है। श्रीलंका के बाद पाकिस्तान भी चीन की मदद लेकर बर्बादी की राह पर आगे बढ़ चुका है। दोनों देशों की बरबादी की इस कहानी एक जैसी ही है। दोनों को ही चीन ने सब्जबाग दिखाया और अब मुंह फेर लिया है।
दोनों देशों पर चीन का कर्ज
पाकिस्तान और श्रीलंका पर चीन का बेतहाशा कर्ज है। श्रीलंका के दिवालिया होने से ठीक पहले उस पर विदेशी कर्ज का 30 प्रतिशत हिस्सा चीन से लिया हुआ कर्ज था। इसी तरह आज पाकिस्तान के कुल कर्ज का 30 प्रतिशत हिस्सा चीन से लिया हुआ कर्ज है। चीन के सस्ते कर्ज के जाल के बारे में जानकार लंबे समय से आगाह करते आ रहे थे, लेकिन फिर भी श्रीलंका और पाकिस्तान इस जाल में फंसे और बरबादी की कगार पर पहुंच गए।
भारत के लिए मौका
एशिया के इन दो देशों के आर्थिक संकट में फंसने से भारत के लिए यह मौका हो सकता है। एशिया में बिग ब्रदर के तौर पर खुद को स्थापित करने से लेकर अपनी करंसी को इंटरनेशनल ट्रेड में मजबूत करने के इस मौके का भारत इस्तेमाल भी कर रहा है। रूस का साथ मिलने से उसे किसी किस्म की दिक्कत भी नहीं है।
चीन ने पाकिस्तान को कर दिया बर्बाद, अब हाथ भी नहीं रख रहा
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