- पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने 183 करोड़ खर्च पर उठाए थे सवाल, मंत्री अकबर ने भ्रष्टाचार के आरोप पर दिया जवाब
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बाघ इन दिनों राजनीति के केंद्र में हैं। भाजपा ने इससे पहले 3 सालों में प्रदेश के 19 बाघों पर 183 करोड़ रूपए के खर्च पर सवाल उठाए थे। इस पर अब वन मंत्री मोहम्मद मोहम्मद अकबर ने कहा जवाबद दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री महेश गागड़ ने अपने बयान से खुद ही स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें टाइगर रिजर्व के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अकबर ने कहा है कि भाजपा नेता और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के कार्यकाल में चार सालों में तीन टाइगर रिजर्व में 229.10 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। उन्होंने पूछा है कि इतनी बड़ी राशि खर्च किये जाने के बावजूद गागड़ा के कार्यकाल में प्रदेश में बाघों की संख्या 46 से घटकर मात्र 19 क्यों रह गई, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।
केवल बाघ ही नहीं अन्य प्राणी भी रहते हैं
वन मंत्री अकबर ने कहा कि प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती-सीतानदी व इंद्रावती टाइगर रिजर्व हैं। पिछले तीन सालों में इन टाइगर रिजर्व में क्रमशः 81.98, 32.80 और 68.99 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन मंत्री रहे महेश गागड़ा को इतना तो मालूम रहना चाहिए कि टाइगर रिजर्व में केवल बाघ ही नहीं अन्य प्राणी भी रहते हैं, जिनके लिये भी काम किए जाते हैं।
पिछले 3 साल के खर्च
- अग्नि सुरक्षा, पेट्रोलिंग, फायर वाचर, टीकाकरण, सूचना प्रौद्योगिकी, डीमार्केशन आदि के कार्यों में 36.04 करोड़ रूपए।
- रहवास सुधार, चारागाह विकास, बांस भिर्रा की सफाई, खरपतवार उन्नमूल आदि के कार्यों में 66.34 करोड़।
- वन्यप्राणियों के पेयजल व्यवस्था हेतु तालाब निर्माण, स्टापडेम, एनीकट, तालाब गहरीकरण, वाटर होल, झिरिया आदि के कार्यों में 63.29 करोड़।
- निर्माण कार्यों के तहत रपटा, पुलिया, वन मार्ग, पेट्रोलिंग कैम्प, विभिन्न प्रकार के भवन निर्माण में 12.04 करोड़।
- नैसर्गिक पर्यटन के विकास कार्य में 1.34 करोड़। अन्य कर्मचारी कल्याण सुविधाओं के लिए 4.72 करोड़ खर्च हुए।
अब बीजेपी दे जवाब
अकबर ने कहा कि पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के कार्यकाल में 2014-15 से 2018-19 तक प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व में 229.10 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। वे बताएं कि 229.10 करोड़ रुपए की राशि कैसे खर्च कर दी गई। अकबर ने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा जारी की गई रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2014 में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने छत्तीसगढ़ तीनों टाइगर रिजर्व ने 46 बाघ होने की जानकारी दी थी। जो कि वर्ष 2018 में घटकर 19 रह गई थी। भाजपा के कार्यकाल में 27 बाघ कैसे कम हो गये।