जबलपुर। विश्व सिकलसेल दिवस पर कार्यशाला में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ट्रिपल आईटीडीएम पहुंचे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम की डायरेक्टर प्रियंका दास ने केंद्र और राज्य सरकार के सिकलसेल के निवारण और मरीजों के उपचार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार लंबे समय के लिए कार्ययोजना बनाती है। हमने आदिवासी मंत्रालय से जानकारी जुटाई है। इस बीमारी को खत्म करने के लिए सरकार वचनबद्ध है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी दो जिलों में यह रोग वंशानुगत रूप से है। लेकिन प्रदेश सरकार ने सभी राज्यों में सिकलसेल की जांच की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस बीमारी से निपटने में लगी हुई हैं। इस बीमारी से ग्रसित भाई-बहन खुद को अकेला न समझें। राज्यपाल महोदय भी इस बीमारी के लिए गंभीर हैं।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इसके लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया और कहा कि हम निश्चित ही सिकलसेल जैसी घातक बीमारी से निजात पा लेंगे। यह कोविड से भी ज्यादा गंभीर बीमारी है। इसलिए ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है। मेरा विश्वास है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस बीमारी को जनजागरूकता के साथ खत्म करने में सफल होगी।
विश्व सिकलसेल दिवस पर जबलपुर में हुआ मंथन, सीएम, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री भी कार्यशाला में आए
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