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भारत माता एक बार फिर विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रही है : शिवराज

  • सीएम ने किया महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान में नवनिर्मित भवन का लोकार्पण
  • लगभग 200 देश योग कर रहे, संस्कृत केवल कर्मकांड की भाषा नहीं, ज्ञान और विज्ञान की भाषा

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान में नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि आज मैं पूरे विश्वास के साथ, जो कभी स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि महानिशा का अंत निकट है, जो अंधे हैं वह देख नहीं सकते, जो बहरे हैं वे सुन नहीं सकते। लेकिन मैं स्पष्ट रूप से देख रहा हूं कि भारत माता एक बार फिर विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रही है। आज भारत में यह सर्वत्र होता हुआ दिखाई दे रहा है। ज्ञान, विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराओं में। यह हम नहीं कहते, जमाना कहता है।
संस्कृत विश्वभाषा है, वैज्ञानिक भाषा है
सीएम ने कहा कि भारत का योग आज दुनिया में धूम मचा रहा है। लगभग 200 देश योग कर रहे हैं। संस्कृत केवल कर्मकांड की भाषा नहीं, यह ज्ञान और विज्ञान की भाषा है। यह प्रगति और उन्नति की भाषा है। बेटियां यहां से पढ़कर निकलेंगी, तो पूरी दुनिया को दिशा देंगी। संस्कृत विश्वभाषा है, वैज्ञानिक भाषा है। अन्य भाषाओं की जननी है। जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण संस्कृत में है, वह अन्यत्र कहीं नहीं।
सारा संसार कह रहा, भारत की बात ही अलग है


शिवराज ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व को राह दिखा रहा है। आज सारा संसार कह रहा है कि ज्ञान, परंपरा, मूल्यों तथा शिक्षा में भारत की बात ही अलग है। हजारों वर्षों पहले हमारे ऋषियों ने सारे विश्व को “आत्मवत् सर्वभूतेषु“ का मंत्र दिया। भारत अत्यंत उदार देश है, भिन्न भिन्न विचारों का स्वागत करने वाला राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां साकार, निराकार को भी स्वीकार किया। हमारे यहां तो महर्षि चारवाक के विचारों का भी आदर किया गया। इस अवसर पर महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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