राजनीति के मंचों से भाजपा के जनप्रतिनिधियों द्वारा भले ही डिजीटल इंडिया के नाम पर तमाम दावे किए जाते हो, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। एक ऐसा ही ताजा मामला सीहोर जिले के सुआखेड़ा गांव से सामने आया है जहां एक प्रसूता को लेने एंबुलेंस घर तक नहीं आ सकी, नतीजतन परिजन दो किलोमीटर दूर खटिया पर लादकर प्रसूता को सडक़ तक लेकर पहुंचे, तब एंबुलेंस नसीब हो सकी।
बता दे कि यह क्षेत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले व पूर्व राजस्व मंत्री व 7 बार के भाजपा विधायक करण सिंह वर्मा की इछावर विधानसभा का है ग्रामीणों का कहना है कि बीते 15-20 सालों से ग्राम में सडक का अभाव है। सडक निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया, लेकिन नतीजा सिर्फ हर बार जनप्रतिनिधियों द्वारा महज आश्वासन ही दिया गया, लेकिन सडक़ का निर्माण नहीं कराया जा सका। हर बारिश में ग्रामीणों को यूं ही कष्ट भरा जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण रामसिंह मालवीय ने बताया कि समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई मरीजों की तो असमय मौत भी हो चुकी है।
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