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बाबा विश्वनाथ और रामलला लगाएंगे भाजपा की नैया पार, विपक्ष भी है तैयार..!

नई दिल्ली। उप्र के विधानसभा चुनाव पर देश ही नहीं दुनिया की नजर होती है। कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता उप्र से होकर गुजरता है। ऐसे में भाजपा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कमर कस चुकी चाहती। उप्र के चुनाव के पहले भाजपा ने दो बड़े दांव खेले हैं। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तो हो ही रहा है, साथ ही श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण भी जल्द शुरू होने वाला है। प्रयास यह है कि इसका शिलान्यास चुनाव से पहले हो जाए। बाबा विश्वनाथ की नगरी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण भी हो चुका है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि बीजेपी के इन ब्रह्मास्त्र की काट शायद विपक्ष के पास न हो। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि बाबा विश्वनाथ और भगवान श्रीराम के सहारे ही भाजपा की नैया पार लगेगी। इसके अलावा मोदी का तिलिस्म और योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्ववादी और कठोर प्रशासक की छवि की भी परीक्षा होनी तय है।
काशी की काया बदल दी मोदी-योगी ने
काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए 339 करोड़ की राश खर्च की गई है। इसके निर्माण के लिए चारों तरफ मोहल्ला का मोहल्ला खरीदा गया, 400 मकान तोड़े गए। अंदर से 43 प्राचीन मंदिर निकले। अब उन मंदिरों का भी जीर्णोद्धार करके ंकॉरिडोर का हिस्सा बनाया गया है। मंदिर परिसर पहले 3 हजार वर्गफुट में था। आसपास के निर्माण हटाकर इसे 5 लाख वर्गफुट में किया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने यहां महारसोई बनाई है। यहां 20 हजार तक श्रद्धालु भोजकर कर सकेंगे। पहले सोमवार और महाशिवरात्रि को लाखों श्रद्धालु आते थे, लेकिन तंग गलियों से गुजरने के कारण घंटों इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब विश्वनाथ धाम का मंदिर क्षेत्र इतना विशाल हो चुका है कि अब एक साथ 50-70 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इस कॉरीडोर में 24 भवन, 3 यात्री सुविधा केंद्र, 4 प्रवेश द्वार, मंदिर चौक, सिटी म्यूजियम, फूड कोर्ट समेत अन्य निर्माण हुए हैं। इससे गंगा के किनारे मौजूद सभी 84 घाटों पर अब पर्यटन बढ़ेगा। काशी में घरेलू धार्मिक पर्यटन तीन से चार गुना होने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि अयोध्या और काशी में जिस विशाल स्तर पर निर्माण हो रहा है, ये 1000 सालों पहले के स्वर्ण काल में होता था। सरकारी खजाने से जिस स्तर पर विशाल निर्माण चल रहा है, उससे इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही स्थानीय लोगों के जीवन में भी व्यापक बदलाव आएगा।
लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या भी होगी राममय
श्रीराम की नगरी अयोध्या की तो यहां भी हिंदुओं को दोहरी खुशी मिलने वाली है। दिसंबर 2023 में श्रद्धालु श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलाल के दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही अयोध्या में बनने वाले मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का संचालन भी शुरू हो सकता है। एयरपोर्ट के लिए 400 एकड़ भूमि भी जिला प्रशासन ने सुनिश्चित कर दी है। 330 एकड़ भूमि नागरिक उड्डयन विभाग को सौंपने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। २०२२ में उप्र के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकता है। इसलिए अधिसूचना के पहले ही योगीी सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका शिलान्यास करा दे। माना जा रहा है कि 2023 से श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आने और एयरपोर्ट के बनने से भाजपा को सियासी फायदा होगा। साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का फायदा भी भाजपा को होगा। ऐसे में संभव है कि यूपी के विधानसभा चुनाव भगवामय हो जाएं और भाजपा ही चुनाव के मुद्दे तय करे। अब देखना होगा कि विपक्षी पार्टियां भाजपा के बड़े दो दांव का सामना कैसे करती हैं।

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