मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य विभाग में सरकार की योजनाओं को सरकारी अधिकारियों की देख रेख औऱ मार्गदर्शन में कार्यरत आशा ऊषा पर्यवेक्षक वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में नियमित रूप से काम कर रही है इन स्वास्थ्य कर्मियों से विभाग रविवार को और त्यौहार के दिन भी काम लेती है, लेकिन न तो इन्हें कर्मचारी मानती है और न ही मजदूर मानती है ये कहना है आशा उषा पर्यवेक्षको का पूरे प्रदेश के साथ जबलपुर में भी आशा उषा पर्यवेक्षक लगातार हड़ताल के साध धरना प्रदर्शन कर रही है
इसी कड़ी में गुरुवार को आशा और उनकी सहयोगी महिला की सैकड़ो महिलाओं ने जबलपुर कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग की है वे उनकी मांगो को जल्द पूरा करे ताकि उन्हें और उनके परिवार को राहत मिल सके क्योकि देश के अधिकांश राज्य सरकारों ने मासिक मानदेय लागू कर आशाओं को राहत देने का काम कर रही है
लेकिन मध्य प्रदेश सरकार पिछले 16 वर्षों से प्रदेश की आशाओं को अपनी ओर से कुछ भी नही दे रही है। प्रदेश की हजारों आशायें केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही मात्र 2000 रुपये में घर चलाने के लिये विवश है और इस स्थिति से राहत पाने, आशा को 10,000 और पर्यवेक्षकों को 15,000 रुपये निश्चित वेतन दिये जाने की मांग को लेकर आशा ऊषा और उनकी सहयोगी संयुक्त मोर्चा धरना प्रदर्शन कर रही है।
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