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आशा-उषा ने कमलनाथ को सराहा, शिवराज और लाड़ली बहाना योजना पर कसे तंज

15 मार्च से हड़ताल पर बैठी आशा उषा कार्यकर्ताओं का गुस्सा अब चरम पर
2 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलता है, इतने कम मानदेय में घर चलाना बहुत मुश्किल
खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में 15 मार्च से हड़ताल पर बैठी आशा उषा कार्यकर्ताओं का गुस्सा अब चरम पर है। आशा उषा कार्यकर्ता अपनी वेतन वृद्धि को लेकर हड़ताल कर रही हैं। ऐसे में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे आशा उषा कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाए। वहीँ पूर्व कमलनाथ की तारीफ भी की। वायरल वीडियो में एक आशा उषा कार्यकर्ता कहती नजर आ रही है कि हमें जितनी तनख्वा मिलती है उससे ज्यादा के बिस्किट सीएम शिवराज के कुत्ते खा जाते हैं। बता दें कि आशा उषा कार्यकर्ताओं को लगभग 2 हजार रुपए प्रति माह का मानदेय मिलता है। उनका मानना है कि इतने काम मानदेय में घर चलाना बहुत मुश्किल है। वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
एक हजार रुपए का लालच दे रही सरकार
खंडवा में हड़ताल पर बैठी आशा उषा कार्यकर्ताओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आशा उषा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें जितना मानदेय मिलता है उसमें उनका गुजारा नहीं होता है। जबकि सबसे अधिक काम उन्हीं से लिया जाता है। इसी बीच से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से काफी नाराज नजर आ रही है। तो वहीं वह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तारीफ भी करती दिख रही है। वायरल वीडियो में आशा  उषा पर्यवेक्षक संगठन की जिला अध्यक्ष प्रमिला निम्बोले का बताया जा रहा है। वीडियो में महिला कहती नजर आ रही है कि 15 मार्च से वे लोग प्रदेश व्यापी हड़ताल पर है। संगठन की अध्यक्ष का कहना है कि पूर्व में हुई हड़ताल के बाद यह फैसला होने जा रहा था कि उनका मानदेय बढ़ा दिया जाएगा लेकिन अभी तक भी उनका मानदेय नहीं बढ़ा है।  उसका कहना है कि बजट में हमारे लिए कुछ आया ही नहीं है और अभी शिवराज सरकार हमें जो एक हजार रुपए का लालच दे रही है उसमें भी उन्होंने अलग-अलग प्रकार के बंधन लगाए हुए हैं।
गैस टंकी सस्ती कर दें जिससे सभी को फायदा हो जाएगा
आशा  उषा पर्यवेक्षक संगठन की जिला अध्यक्ष प्रमिला निम्बोले ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि कमलनाथ सरकार ने आशा कार्यकर्ता को एक हजार रुपए और पर्यवेक्षक को  500 रुपए दिए थे। लेकिन शिवराज सरकार ने कोविड खत्म होने का बहाना बनाकर उसे बंद कर दिया और अब वही पैसा हमें लाडली बहना के अंतर्गत दिया जा रहा है। इससे तो गैस टंकी सस्ती कर दी जाए जिससे सभी को फायदा हो जाएगा। आज हम खाली कटोरी चम्मच यहां बजा रहे हैं। यह महंगाई सबके लिए है।
इतने में कुत्तों के बिस्किट भी नहीं आते होंगे
आशा  उषा पर्यवेक्षक संगठन की जिला अध्यक्ष प्रमिला निम्बोले का कहना है कि  दो हजार रुपए मानदेय पर आशा उषा कार्यकर्ता काम कर रही है। इतने में तो शिवराज जी के कुत्तों के बिस्किट भी नहीं आते होंगे। हम लोगों से इतने कम दाम में काम करवाया जा रहा है। जबकि पिछले 15 साल से प्रदेश में शिवराज जी की सरकार है। हम लोगों को इतना काम दिया जाता है कि दिन रात काम करना पड़ता है। लेकिन मानदेय मात्र चंद पैसे ही दिया जाता है। हमारी मांग है कि हमारा मानदेय बढ़ाया जाए क्योंकि दो हजार में अब कुछ नहीं आता।

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