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पूरे गांव की दीवारों पर पहली से लेकर पांचवीं तक के लिख डाले लेख..पूरे गांव को स्कूल बना डाला

जबलपुर। धरमपुरा शासकीय स्कूल के शिक्षक ने एक अनोखी पहल की है। कोरोना काल में बच्चे शिक्षा से वंचित न रह सकें, इसके लिए शिक्षक ने उन्होंने पूरे गांव की दीवारों पर पहली से लेकर पांचवीं तक के लेख लिख डाल हैं। एक तरह से उन्होंने पूरे गांव को ही स्कूल बना डाला है। शहपुरा जनपद में आने वाले ग्राम पंचायत धरमपुरा के शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा ने कोरोना काल के दौरान पूरे गांव की पक्की दीवारों पर गरीब बच्चों को स्कूली शिक्षा देने के लिए पाठ लिखकर पूरे गांव को ही स्कूल में तब्दील कर दिया गया है। शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा ने पहली से लेकर पांचवीं तक के गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए यह अनूठा तरीका निकाला हैं। शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा की इस नेक पहल से गांव के ग्रामीणों के साथ ही आते-जाते बच्चे दीवारों पर कभी भी किसी भी समय पढ़ते नजर आते हैं। गांव के ग्रामीणों के साथ बच्चे भी अपने इस अनोखे शिक्षक की खूब सराहना करते हैं।
शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो यही सोचकर मोहल्ला क्लासेस की शुरुआत की थी। गांव में ज्यादातर आबादी मजदूर वर्ग की है और मजदूरों के बच्चे माता-पिता के साथ काम पर चले जाते थे। ऐसे में उन्होंने गांव की तंग गलियों को क्लासरूम और दीवारों को ब्लैकबोर्ड बनाने की सोची। बस फिर क्या था गांव वालों ने भी अपने पक्के मकान की एक-एक दीवार स्कूल के लिए दान कर दी। फिर हर दीवार को शिक्षाप्रद बनाने के लिए अक्षर ज्ञान व गणित के जोड़-घटाने के समीकरणों को लिख दिया गया। इसका असर स्कूल खुलने के बाद स्कूल में आने वाले बच्चो में दिखाई दे रहा है। वे अब हिंदी के साथ इंग्लिश में भी हर प्रश्न का उत्तर देते नजर आ रहे हैं।
शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा की इस अनूठी पहल ने न सिर्फ बच्चों को बल्कि उनके माता-पिता को भी शिक्षा की अहमियत को समझाया है। उनकी नेक सोच और जिद ने साधारण दीवारों को अपने ज्ञान से भर दिया है। यही वजह है कि ग्राम पंचायत धरमपुरा के इस गांव में रहने वालों में आज भी ज्ञान का उजियारा फैल रहा है।

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