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अजय विश्रोई ने फिर अपनी ही सरकार को घेरा.. किसानों की दशा पर ठहराया दोषी

जबलपुर। मंत्री न बनाए जाने से नाराज पूर्व मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय विश्रोई ने एक बार फिर अपनी ही सरकार को घेरा। अलग-अलग मुद्दों पर अपनी ही पार्टी को आड़े हाथ लेने वाले बीजेपी से पाटन विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। इस बार मुद्दा बारिश और ओला वृष्टि में खरीदी केंद्रों के बाहर किसानों का रखा हजारों क्विंटल धान है जो बारिश में भीग गया। अजय विश्नोई ने बताया कि इस संबंध में वे सरकार को पत्र भी लिख रहे हैं जिसमें किसानों को राहत देने की उनके द्वारा मांग की गई है।
धान भीगने के लिए सरकार दोषी
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने किसानों के धान के भीगने के लिए सरकार को ही दोषी बताया है। उन्होंने कहा कि खरीदी केंद्रों में तुलाई की समुचित व्यवस्था नहीं थी।खरीदी करने वाली सोसायटियों की संख्या और सोसायटियों में कर्मचारी भी पर्याप्त नहीं हैं। जिसके कारण आसपास के इलाकों से किसानों के द्वारा लाई गई धान की समय पर तुलाई नहीं हो सकी। ऐसी स्थिति में किसान अपना धान खरीदी केंद्रों के बाहर खुले आसमान के नीचे रखने के लिए मजबूर थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री बिश्नोई ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसानों के नुकसान की भरपाई करने का प्रदेश सरकार के पास कोई प्रावधान नहीं है इसीलिए वे मुख्यमंत्री को इसके लिए पत्र लिख रहे हैं। सरकार को किसानों की इस समस्या पर विचार करना चाहिए।
हार की नहीं लेता कोई जिम्मेवारी
चुनाव में हारने संबंधी पूर्व मंत्री इमरती देवी के बयान पर श्री विश्नोई ने कहा है कि चुनाव लडऩे वाला जानता है कि हार किस कारण हुई पर कोई भी हार की जिम्मेदारी अपने सिर नहीं लेता। मैं स्वयं ग्वालियर चुनाव मैदान में था। प्रत्येक बीजेपी कार्यकर्ता ने प्रचार किया था, पर दुर्भाग्य था कि इमरती देवी चुनाव हार गईं। बीजेपी नेता अजय विश्नोई कोरोना वैक्सीन सेंटर पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी पत्नी के साथ कोरोना का तीसरा बूस्टर डोज लगवाया।

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