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बैरिकेटिंग तोडक़र सीईओ कक्ष तक जा पहुंचे कांग्रेसियों की हुई पुलिस प्रशासन से झूमाझपटी

जबलपुर। कुछ दिन पूर्व कैंट बोर्ड मकानों को तोडऩे की कार्रवाई करने जा पहुंचा था। इसी के विरोध में कैंट कांग्रेस के नेतृत्व में कैंट बोर्ड कार्यालय का क्षेत्रीय जनता के साथ कैंट कांग्रेसियों ने घेराव किया। पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चिंटू चौकसे ने बताया कि मंदिरों व मकानों को कैंट बोर्ड द्वारा तोड़ा जा रहा है था। इसी के विरोध में सदर काली माई मंदिर से सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता व क्षेत्रीय लोग हजारों की संख्या में सदर की है। हर एक गली-गली घूम कर कैंट बोर्ड का घेराव किया। कैंट कांग्रेस की मांग है कि मकानों को तोडऩे का जो नोटिस दिया गया है उसे तुरंत वापस लिया जाए। पार्षद कार्यकाल के समय पहले एक मकान की एक टैक्स रसीद प्राप्त होती थी, लेकिन जैसे ही पार्षद कार्यकाल खत्म हुआ, कैंट बोर्ड ने ऑनलाइन प्रक्रिया चालू कर दी। छावनी ऑनलाइन होने के कारण एक बिल्डिंग के 5 ब्लॉक हैं। पहले एक ही टैक्स रसीद में आते थे, अब उसी मकान के 5 ब्लॉक की पांच रसीद आ रही है। यदि आम नागरिक टेक्स्ट टाइम पर जमा नहीं करता है तो उसे पर ब्याज के साथ 100 रुपए नोटिस फीस जोड़ दिया जाता है।
सदर क्षेत्र की जनता ऑनलाइन प्रक्रिया से काफी परेशान
छावनी क्षेत्र की जनता सबसे ज्यादा टैक्स को लेकर बहुत अधिक परेशान है। छावनी क्षेत्र में ऐसी अनेक बस्ती है जहां पर गरीब जनता निवास करती है। ऑनलाइन होने के कारण वहां के लोगों अपना टैक्स को जमा करने में असमर्थ हैं। वहां पर ऐसा विकल्प निकालना चाहिए कि लोग नगद टैक्स भी जमा कर सकें एवं ऑनलाइन भी कर सकें जैसे नगर निगम में होता है। कैंट छावनी की दुकानों के लाइसेंस रिन्यू करने में जो फीस में वृद्धि की गई है उसे वापस लिया जाए। छावनी क्षेत्र के जो समुदाय भवन एवं भवनों का किराया जो बढ़ाया गया है उसे वापस लिया। छावनी क्षेत्र के निवासियों के लिए शव वाहन पूर्व में निशुल्क दिया जाता था वर्तमान में भी छावनी क्षेत्र के निवासियों के लिए निशुल्क किया जाए। जनहित एवं धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में पानी के टैंकर से पानी देने की जो सुविधा निशुल्क की जाए। छावनी क्षेत्र के कुछ भागों में नगर निगम द्वारा जल कर लिया जाता है लेकिन छावनी परिषद द्वारा जल कर लिया जाता है इसका निराकरण जल्द से जल्द किया जाए। जिस प्रकार हम अन्य समाजों को लीज पर जमीन दी जाती है उसी प्रकार मंदिरों को भी जमीन लीज पर दी जाए।
सीईओ ने आश्वासन दिया
5 सूत्रीय मांगों को लेकर सीईओ ने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द इसका निराकरण करेंगे। कैंट कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द निराकरण नहीं हुआ तो और उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चिंटू चौकसे, अमरचंद कविता बाबरिया, किरण लखन ठाकुर, राजेंद्र पिल्ले ,रंजीत यादव ,रितेश तिवारी ,राहुल रजक ,सौरभ गौतम ,अकबर खान ,सुरेंद्र यादव, संतोष विनोदिया, अभय नायडू, दिलीप रजक, शिव अग्रवाल, अनुज यादव, विजय पांडे , अभय बावरिया ,सैमुअल जेवियर आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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