प्रदेश के 234 डॉक्टरों ने पढ़ाई तो पूरी कर ली, नहीं किया यह काम..

जबलपुर। डॉक्टरी पढ़ाई पूरी करने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं न देने वाले डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। पंजीयन रदद् होने की तलवार प्रदेश के करीब ढाई सौ डॉक्टरों पर लटकी हुई है। दरअसल मेडिकल की प्रीपीजी हो या फिर एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा, इन परीक्षाओं में सफल होने के बाद भावी डॉक्टरों से सरकार एक बॉन्ड भरवा देती है। इस बॉन्ड के मुताबिक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें 1 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना पड़ता है। सेवाएं न देने के बदले डॉक्टर सरकार के खजाने में 5 लाख की राशि भरकर इसमें रियायत पा सकते हैं लेकिन प्रदेश के 234 ऐसे डॉक्टरों की पहचान की गई है जिन्होंने अपनी पढ़ाई तो पूरी कर ली है लेकिन सरकार के नियमों का पालन नहीं किया है।
बांड की राशि जमा करनी होगी
ऐसे डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द अपने पदस्थापना वाले क्षेत्रों में पहुंचकर सेवाएं देने या फिर बांड की राशि सरकारी खजाने में जमा करने का फरमान जारी किया गया है। ये डॉक्टर अगर सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करते तो शासन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया या फिर नेशनल मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखकर इनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की अनुशंसा कर सकता है। प्रदेश में पिछले 3 सालों में अनेक ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया है। लिहाजा प्रदेश सरकार उन पर सख्ती बरतने जा रही है जिसके तहत पहले चरण में करीब 234 डॉक्टरों को नोटिस जारी कर उन्हें शर्तों की याद दिलाई गई है।

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