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सागर के बीना में युवक की गोली मारकर हत्या, कांग्रेस ने कहा-MP को जंगलराज बना दिया..!

  • गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने बीना के सर्वोदय चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम किया

सागर। महू के बाद अब सागर जिले के बीना में युवक की हत्या हुई है। बारधा गांव में मामूली बात को लेकर हुए विवाद में 32 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने रविवार की दोपहर को बीना के सर्वोदय चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। इस घटना पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज सरकार को घेरा है। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर चक्का जाम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में दलितों और पिछड़ों पर कब तक अत्याचार होते रहेंगे? बीना में दलित युवक को गोली मार दी! अहिरवार समाज द्वारा चक्का जाम किए जाने पर भी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। जंगलराज बना दिया है प्रदेश को शिवराज ने।
10 लोग पहुंचे और मारपीट की, ब्रजेश साहू ने गोली मार दी
शनिवार दोपहर करीब 3 बजे बीना थाना क्षेत्र के बारधा निवासी खेमचंद अहिरवार का छोटा बेटा सचिन अहिरवार अपने दोस्त राहुल के साथ बाइक से जा रहा था। तभी मोटर साइकिल बंद होने के कारण राहुल ने अपशब्द कह दिए। इस दौरान ब्रजेश साहू ट्रैक्टर-ट्राली से निकला तो उसने राहुल के साथ मारपीट कर दी। सचिन ने ब्रजेश को रोकने की कोशिश की तो उसके साथ भी गाली गलौच की गई। मामला शांत होने के बाद दोनों चले गए। इसी बात को लेकर रविवार सुबह ब्रजेश साहू, कल्लू साहू, ओमप्रकाश साहू, छुट्टू साहू, दशरथ साहू, राहुल साहू, राजेश साहू महेश, सुरेंद्र साहू सहित करीब 10 लोग खेमचंद अहिरवार के घर पहुंचे। बातों-बातों में दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। खेमचंद अहिरवार ने आरोप लगाया तो ओमप्रकाश साहू ने उनके साथ मारपीट कर दी। इसी दौरान ब्रजेश साहू घर गया, और बंदूक लेकर आया तो सीधे खेमचंद अहरिवार के बड़े बेटे राजकुमार अहिरवार को गोली मार दी। गोली पेट में लगने के कारण वह जमीन पर गिर गया।
एक घंटे तक चक्का जाम किया
आक्रोशित परिजन अस्पताल से शव स्ट्रेचर पर रखकर करीब 500 मीटर की दूरी पर सर्वोदय चौराहा पहुंचे। जहां करीब एक घंटे तक चक्का जाम कर दिया। परिजनों का कहना है कि आरोपियों को गिरफ्तार जल्दी किया जाए और न्याय दिलाया जाए। पुलिस प्रशासन की समझाइश और आश्वासन के बाद भी परिजन पोस्टमॉर्टम कराने को तैयार नहीं हुए। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने कहा कि फोन लगाने के बाद भी न तो डायल 100 मौके पर पहुंची और न ही पुलिस थाने में पुलिस की मदद मिली। पुलिस ने उल्टे उन्हें अपशब्द कहे।

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