Homeजबलपुरनई उम्मीदों के साथ नववर्ष में संस्कारधानी बनेगी सपनों की नगरों

नई उम्मीदों के साथ नववर्ष में संस्कारधानी बनेगी सपनों की नगरों

  • प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर के निर्माण पूर्ण होने के साथ विकास को लगेंगे पंख
  • रिंग रोड का सपना भी होगा पूरा, डुमना एयरपोर्ट में नए साल में 2760 मीटर का नया रनवे तैयार

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर भले ही कभी राजधानी बनने की दौड़ में था, लेकिन जैसे ही भोपाल को राजधानी बनाया गया, शहर पिछड़ता चला गया। कभी इसे बड़ा गांव कहा जाता था। यानि कि यहां पर विकास की रोशन नहीं पहुंच पाई थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर बनने जा रहा है। रिंग रोड का सपना भी जल्द पूरा होने वाला है। यहां से नर्मदा एक्सप्रेस वे गुजरने वाला है, जो शहर ही नहीं, बल्कि अंचल का भी भाग्योदय कर देगा। यानि जिस गति से शहर विकास कर रहा है, उससे ये तय है कि इस वर्ष के अंत तक शहर में विकास की नई रोशन पहुंचेगी और शहर तेजी से महानगर बनने के साथ ही इंदौर-भोपाल के समकक्ष खड़ा होगा। हालांकि शहर में ऐसे कई विकास कार्य चल रहे हैं, जिन्हें 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। यानि यह कहते हैं कि डेढ़ से दो सालों में शहर ऐसी अंगड़ाई लेगा कि सब देखते ही रह जाएंगे।
ये सब होगा साकार
-मप्र का सबसे बड़ा फ्लाईओवर, रिंग रोड, राइट टाउन स्टेडियम, रेलवे स्टेशन का नया स्वरूप, डुमना एयरपोर्ट का विस्तार, कन्वेंशन सेंटर, एनएमटी, स्मार्ट सड़कें इस वर्ष साकार रूप लेंगी।
फ्लाईओवर से जाम की समस्या होगी खत्म
दमोहनाका से मदनमहल तक बनने वाला फ्लाईओवर 7 किलोमीटर लंबा है। इसकी लागत हालांकि अब करीब 1 हजार करोड़ रुपए हो गई। संभवतः इसका निर्माण 2024 तक हो जाएगा। इसके बाद बड़े वाहन आसानी से शहर के इस छोर से उस छोर तक जा सकेंगे। बीच के चौक-चौराहों में लगने वाला जानलेवा जाम बीते कल की बात हो जाएगा।
आधुनिक एयरपोर्ट से बदलेगी पहचान
डुमना एयरपोर्ट में 2760 मीटर का नया रनवे तैयार है। विस्तारीकरण का कार्य 412 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। रन-वे की लंबाई बढ़ाने के साथ ही नए एप्रॉन, टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी की बिल्डिंग समेत अन्य कार्य किए जा रहे हैं। टर्मिनल को 500 फ्लायर्स की क्षमता का बनाया जा रहा है। बड़े विमान आसानी से यहां लैंड और टेकऑफ कर सकेंगे। छोटे और बड़े विमानों के लिए आठ एप्रान बनाए हैं, जिनमें दो का उपयोग शुरू कर दिया गया है।
आधुनिक खेल सुविधाओं से लैस होगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
मिनी स्टेडियम का काम 35 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी के द्वारा कराया जा रहा है। यह कार्य 2018 में शुरु होकर 2020 में पूरा होना था जो इस वर्ष पूरा हो रहा है। इसमें इनडोर गेम्स की सुविधाएं रखी गई हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले इस आलीशान कॉम्प्लेक्स में आधा दर्जन से अधिक खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है। राइट टाउन स्टेडियम परिसर में स्थापना बनने वाला ये प्रोजेक्ट 3 साल लेट है पर 2023 में पूरा होना इसका तय है। काम पूरा हो चुका है बताया जा रहा है कि मार्च के पहले इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा।
ग्रीन स्पोर्ट्स सिटी का सपना पूरा होना जरूरी
सांसद राकेश सिंह के प्रयासों से शहर रेल, एयरपोर्ट, रिंग रोड और फ्लाईओवर समेत अन्य सौगातें मिली हैं। राकेश सिंह चाहते हैं कि डुमना एयरपोर्ट के ठीक पीछे 40 एकड़ क्षेत्रफल में ग्रीन स्पोर्ट्स सिटी बने जो प्रदेश की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स सिटी होगी। इससे देश के खेल मानचित्र में जबलपुर की एक अलग पहचान बनेगी। उनका यह भी दावा है कि यहां एक भी पेड़-पौधे काटे बिना स्पोर्र्ट्स सिटी बन जाएगी। लेकिन कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां इसे मानने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस ने इसे लेकर चिपको आंदोलन भी चलाया था। अब देखना होगा कि सांसद यह सौगात कब तक शहर को दे पाएंगे। क्या कांग्रेस शहर हित में इस प्रोजेक्ट का समर्थन करेगी।
अन्नू से आस
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू से शहर को बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने पदभार संभालते ही मां नर्मदा को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। साथ ही शहर की सड़कों का कायाकल्प करने का काम भी वे कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि महापौर और कांग्रेस शहर अध्यक्ष होने के नाते अन्नू तालमेल बनाएं और शहर के हित के लिए राज्य और केंद्र सरकार से कदमताल करते हुए विकास की नई उंचाई की ओर ले जाएं।

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