Homeताजा ख़बरजो कल गरीबों का भोजन था, आज पूरी दुनिया उसे मांग रही

जो कल गरीबों का भोजन था, आज पूरी दुनिया उसे मांग रही

  • इंदौर के लालबाग में आयोजित ’जनजातीय गौरव’ कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
  • मोटे अनाज में पोषण सबसे ज्यादा है, आज दुनिया अपनी जड़ों की तरफ लौट रही है

इंदौर। दुनिया आज मोटे अनाज की बात कर रही है लेकिन हमारे जनजातीय भाई-बहन वर्षों से ज्वार, बाजरा, मक्का, कुटकी का उपयोग कर रहे हैं। एक जमाने में मोटा अनाज गरीबों का भोजन माना जाता था पर आज पूरा विश्व और वैज्ञानिक मान रहे हैं कि मोटे अनाज में पोषण सबसे ज्यादा हैं। आज दुनिया अपनी जड़ों की तरफ लौट रही है। यह कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। वे लालबाग में आयोजित ’जनजातीय गौरव’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्वलन तथा जनजातीय नायकों के चित्रों पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में जनजातीय परम्परा तथा संस्कृति को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी का अवलोकन कर जनजातीय संस्कृति के जीवन-मूल्यों को समझा। हमारी जनजातीय संस्कृति अद्भुत है। जनजातीय संस्कृति, परम्परा, जीवन मूल्य और नृत्य जीवन के आनंद को प्रकट करते हैं।
वन औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ कई बीमारियों को जड़ से ठीक करने का अचूक इलाज

जो कल गरीबों का भोजन था, आज पूरी दुनिया उसे मांग रही
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय समाज ने जिस परंपरा को बनाए रखा उसे आज पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। जनजातीय समाज की वन औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ कई बीमारियों को जड़ से ठीक करने का अचूक इलाज हैं। हम अपनी जड़ों को, माटी व परम्पराओं को, जीवन मूल्यों को तथा जीवन की सरलता व सहजता को ना कभी न भूलें। जनजातीय समाज के लोग धरती के बिछौने पर आसमान की चादर ओढ़ मस्ती से जीते हैं। जबकि शहरों में गगनचुंबी अट्टालिका वाले लोगों को, तमाम भौतिक सुख-सुविधाओं के बावजूद भी बिना गोली के नींद नहीं आती। भौतिक समृद्धि जीवन में आनंद नहीं लाती। हमारे जनजातीय भाई-बहन प्रकृति की गोद में हमें रहकर जीवन की सरलता का परिचय कराते हैं।
डिंडौरी लहरी बाई ने बीज बैंक बनाया, विलुप्त होती प्रजातियां को बचाया 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे आज डिंडौरी की लहरी बाई से मिले। उनकी प्रशंसा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। कोदो, कुटकी, रागी इनके बीज खत्म न हो जाएं इसलिए उन्होंने बीज बैंक बनाया है। उन्होंने 25 से अधिक विलुप्त होती प्रजातियां को बचाया है। सीएम ने कहा कि हम खान-पान रहन-सहन में भारत की जड़ों में जो परंपराएं उनसे जुड़े रहें यही संदेश फूड फेस्टिवल देता है।

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