Homeजबलपुरमिलेट्स (Millets) क्या है, पढ़ें स्वस्थ रहने के लिए क्यों है जरूरी

मिलेट्स (Millets) क्या है, पढ़ें स्वस्थ रहने के लिए क्यों है जरूरी

  • युवाओं में विशेष आकर्षण, कई स्टार्टअप प्रारंभ हुए, कॅरियर की अनेक संभावनायें भी हैं
  • मोटे अनाज के उत्पादन एवं व्यवसाय पर कार्यशाला, बताया कि स्वास्थ्य के लिए मिलेट्स है रामबाण

जबलपुर। इन दिनों मिलेट्स (Millets) शब्द बहुत प्रचलन में है, लेकिन ज्यादातर लोग जानते नहीं हैं कि ये मिलेट्स आखिर है क्या? चलिए आपको हम बताते हैं कि मिलेट्स है क्या? मोटे अनाज वाली फसलों जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मिलेट कहा जाता है। मिलेट्स (Millets) को सुपर फूड (Super Food) कहा जाता है, क्योंकि इनमें पोषक तत्व अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होते हैं। छोटे आकर के बीज (आनाज) को भी मिलेट कहा जाता है। यह बहुत ही ज्यादा पौष्टिक आहार होता है। बाजरा मानव और जानवरों के लिए एक पौष्टिक आहार है। महानगरों में इसकी मांग बेहद बढ़ी है। बजट में भी मोटे अनाज को बढ़ावा देने की बात कही गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे श्रीअन्न का नाम दिया है। डिंडौरी की बैगा महिला लहरी बाई ने 25 से अधिक मोटे अनाज की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाया है। उनकी तारीफ मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं।

कई स्टार्टअप प्रारंभ हुये

प्रदेश में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह के जतन कर रही है। शासकीय महाकोशल महाविद्यालय, जबलपुर में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना द्वारा आयोजित एवं विश्व बैंक परियोजना (रुसा) द्वारा श्री अन्न महोत्सव (Millets) पर कार्यशाला एवं प्रशिक्षण हुआ। डॉ. अभिषेक शुक्ला, डीन, जवाहरलाल नेहरू विष्वविद्यालय, जबलपुर ने (मिलेट्स) मोटे अनाज की उत्पादन एवं उत्पाद को लेकर विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि मोटे अनाज को लेकर इस समय युवाओं में विशेष आकर्षण है और इसके कई स्टार्टअप प्रारंभ हुये हैं। इस क्षेत्र में युवाओं के कॅरियर की अनेक संभावनायें है। स्वास्थ्य के लिए मिलेट्स रामबाण है।

डाइटिशियन ने यह दी सलाह

मिलेट्स क्या है, पढ़ें स्वस्थ रहने के लिए क्यों है जरूरी

प्रसिद्ध डाइटिशियन डॉ. राजलक्ष्मी त्रिपाठी ने मोटे अनाज को लेकर कहा कि अनाज ही औषधि है, इसके व्यंजन युवाओं के स्वाद के अनुरुप तैयार किये जा रहे हैं। मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, जौ, कोदो, रागी, कुटकी, कंगनी आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.ए.सी. तिवारी, प्रो. अरुण शुक्ल, संभागीय समन्वयक, स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन योजना, जबलपुर संभाग ने कहा कि 17 फरवरी तक विद्यार्थियों को मिलेटस के व्यंजनों एवं उनकी पोषक तत्वों से परिचित कराया जायेगा एवं मिलेटस की विस्तृत जानकारी प्रदान की जायेगी। इस अवसर पर डॉ. एस.पी. सनसेर, संभागीय समन्वयक, स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन योजना, छिंदवाड़ा संभाग उपस्थित रहे। उक्त कार्यशाला एवं प्रशिक्षण में महाविद्यालय के 60 विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन कराया है।

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