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चुनाव से पहले मंदिर, संतों की चौखट पर दिग्गज, चाहिए सिर्फ एक आशीर्वाद

मप्र में सियासी समीकरण साधने की जुगत में भाजपा-कांग्रेस, शिवराज और कमलनाथ कर रहे अगुवाई
भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। चूंकि अभी छह से आठ माह का समय ही बचा है, तो ऐसे में दोनों प्रमुख पार्टियां कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। इस बीच प्रदेश में रामकथा, शिवकथा से लेकर कई पंडितों का डेरा है। पंडित प्रदीप मिश्रा, बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से लेकर कई नामी संतों की कथाएं चल रही हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में तो 10-15 लाख लोग पहुंचे। ऐसे में नेता भी कहां चूकने वाले हैं। वे भी इन संतों की चौखट पर जाकर जीत का आशीर्वाद मांगने में पीछे नहीं रहना चाहते।
यहां पहुंचे सीएम-पूर्व सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ मंच साझा कर चुके हैं। वे पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में भी जा चुके हैं और अब वे प्रेम भूषण महाराज जी से भी सांवेर में जाकर मिल चुके हैं। इससे पहले भी वे मंडला में जैन धर्ममुनि से वर्चुअल आशीर्वाद ले चुके हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिल चुके हैं और उनसे एकांत में चर्चा भी कर चुके हैं। आने वाले समय में यह सूची और लंबी होती जाएगी।
सांवेर पहुंचकर शिवराज ने सुनी रामकथा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के सांवेर पहुंचकर प्रेम भूषण महाराज जी से श्रीराम कथा सुनी। उन्होंने कामना की कि प्रभु के श्रीचरणों में यही प्रार्थना कि मध्यप्रदेश के नागरिकों के जीवन का हर क्षण सुख, शांति और आनंद से समृद्ध रहे; खुशहाली और समृद्धि का वास हो। ’राम भजन सुखदायी, जपो रे मेरे भाई’’ भजन, मैंने बचपन से ही अपनी दादी मां से सुना था, जो आज भी मुझे प्रेरणा से भर देता है। रोम रोम में राम हैं, सकल विश्व में वही समाए हुए हैं। हर आत्मा में परमात्मा का अंश है। शिवराज ने कहा कि हमारा भारत वर्ष विश्व के कल्याण की भावना में चलता है। हम सभी अपने निर्धारित दायित्वों का शुचिता से निर्वहन करें तो यह जगत सुंदर और कल्याण से परिपूर्ण हो जाएगा। अच्छे कर्मों से भी ईश्वर मिलते हैं। मेरे मन में लाड़ली लक्ष्मी के बाद लाड़ली बहना योजना बनाने और क्रियान्वित करने का विचार भी ईश्वर की प्रेरणा से आया है। बहनें कई बार आर्थिक दिक़्क़त में रहती हैं, उन्हें छोटी-छोटी सी राशि के लिए भी तरसना पड़ता है। राखी में भाई, बहन को उपहार देता है। मेरे मन में भी विचार आया कि मुख्यमंत्री होते हुए मैं भी प्रदेश की बहनों का भाई हूं और लाड़ली बहना योजना के माध्यम से मैं भाई होने का अपना कर्तव्य निभा रहा हूं।

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