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मप्र गौसेवा बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वीरानंद जी गिरी ने की गौशालाओं की स्थिति की समीक्षा

  • आवारा घुम रहे गौवंश को गौशाला भेजे-स्वामी अखिलेश्वीरानंद
  • मप्र गौसेवा बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वीरानंद जी गिरी ने की गौशालाओं की स्थिति की समीक्षा
  • बैठक में दिए गए अनेक सुझाव, कलेक्टर,एसपी सहित अन्य अधिकारी रहे मौजूद

बालाघाट। मप्र गौसेवा बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वंरानंद जी गिरी ने बालाघाट प्रवास के दौरान 01 मई को जिले में संचालित अशासकीय एवं शासकीय गौशालाओं की स्थिति की समीक्षा की।इस दौरान उन्होंने गौशालाओं के संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

बैठक में कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा,एसपी समीर सौरभ, जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा, उप संचालक पशु चिकित्साग सेवाएं डॉ पीके अतुलकर, उप संचालक कृषि राजेश खोब्रागड़े सहित जिला गौसेवा बोर्ड के सदस्या उपस्थित थे।

गौसेवा बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्विरानंद जी गिरी ने बैठक में बोर्ड के सदस्यों एवं अधिकारियों से कहा कि जिले में जिन गौशालाओं का काम पूर्ण हो गया है उनका संचालन शीघ्र प्रारंभ किया जाए।जिले में बालाघाट विकासखंड के ग्राम चिचगांव, खैरलांजी विकासखंड के ग्राम कचेखनी व लालबर्रा विकासखंड के ग्राम बगदेही की गौशाला बन कर तैयार हो गई है, लेकिन उनका संचालन अब तक प्रारंभ नहीं हुआ है।इन गौशालाओं का संचालन शीघ्र प्रारंभ किया जाए।

उन्होंने कहा कि जिले में कहीं पर भी सड़कों पर गौवंश आवारा घूमता हुआ नहीं पाया जाना चाहिए।ऐसे गौवंश पशुओं को गौशाला में पहुंचाया जाए। गौवंश के वध के लिए पशुओं की तस्कवरी पर रोक लगाई जाए और तस्करी कर ले जाए जा रहे पशुओं को गौशालाओं में रखा जाए।लेकिन इस बात का ध्याीन रखा जाए कि गौशाला में क्षमता से अधिक पशु नहीं हो। मनरेगा से बनी गौशालाओं में पशुओं की क्षमता 100-100 रखी गई है, लेकिन उनमें क्षमता से बहुत कम पशु हैं।

गौशलाओं को आत्म निर्भर बनाना है –

स्वामी अखिलेश्वारानंद जी गिरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य गौशलाओं को आत्म निर्भर बनाना है। अभी हम गौशाला में प्रति पशु प्रति दिन 20 रुपये की राशि दे रहे है, लेकिन हम चाहते हैं कि गौशालाएं इतनी आत्म निर्भर बन जाए कि वह इस राशि को लेने से मना करें और कहें कि यह राशि अन्य जरूरतमंद गौशाला को दी जाएं गौशाला में बायोगैस के साथ ही गोबर से गौकास्ट बनाने का काम भी किया जाए।

जिले में गौवध प्रतिरोध अधिनियम का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने बताया कि गौसेवा बोर्ड जिले में गौवंश वन विहार बनाना चाहता है, इसके लिए ग्राम भमोड़ी में वैनगंगा नदी किनारे 200 एकड़ जमीन चिन्हित की जाए और उसे पशु चिकित्सा सेवा को आवंटित की जाए।सड़कों पर दुर्घटना आदि में घायल होने वाले पशुओं के लिए प्रत्येक विकासखंड में एक काऊ गौ एंबुलेंस गौसेवा बोर्ड देने की तैयारी की जा रही है।लंपी बीमारी से उपचार के लिए टीकों की कोई कमी ना हो और इसे लेकर दुष्प्रचार न होने दें।

6 माह में 36 प्रकरण दर्ज

एसपी समीर सौरभ ने बताया कि जिले में पिछले 6 माह‍ में गौ तस्करी के 36 प्रकरण दर्ज किए गए है।इसमें 18 वाहनों को जब्त किया गया है और अब तक 12 वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बैठक में बताया कि जिले में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए 01 लाख 50 हजार टीके लगाए गए हैं।जिले में इससे 4093 पशु प्रभावित हुए थे और इनमें से 3900 पशु ठीक हो चुके हैं।गौवंश वन विहार के लिए जिस जमीन की बात की गई है उसका परीक्षण कराया जाएगा और तीन गौशालाओं को शीघ्र प्रारंभ कराया जाएगा।

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