Homeताजा ख़बरशरद पवार ने उठाया सावरकर के अपमान का मुद्दा तो कांग्रेस की...

शरद पवार ने उठाया सावरकर के अपमान का मुद्दा तो कांग्रेस की बोलती बंद

  • राहुल गांधी भी थे बैठक में मौजूद, एनसीपी नेता ने कांग्रेस से रुख नरम करने को कहा
  • महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में आए तनाव को कम करने के लिए एनसपी प्रमुख शरद पवार आगे आए

दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीर सावरकर की आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। अपनी भारत जोड़ो यात्रा में भी वे सावरकर का अपमान कर उन्हें डरपोक साबित करने में लगे रहे। अब जब संसद से उनकी सदस्यता खत्म हो गई है तो मीडिया के सामने भी उन्होंने कहा कि वे सावरकर नहीं, गांधी हैं और सावरकर की तरह माफी नहीं मांगेंगे। उनके इस बयान का विरोध महाराष्ट्र में हुआ और कांग्रेस की सहयोग उद्धव गुट की शिवसेना ने इसे अनुचित बता दिया और दिल्ली में हुई बैठक का विरोध कर भाग नहीं लिया। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन में आए तनाव को कम करने के लिए एनसपी प्रमुख शरद पवार आगे आए हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर शिवसेना की चिंताओं से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत करा दिया है। अब कांग्रेस भी सावरकर को लेकर अपना रुख नरम करने पर सहमत हो गई है।
राहुल-सोनिया के सामने कहा-सावरकर संघी नहीं
राहुल गांधी के सावरकर की बार-बार आलोचना की वजह से गठबंधन सहयोगी राकांपा और उद्धव की शिवसेना में बेचैनी थी। शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से सोमवार को बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में श्रद्धेय माने जाने वाले सावरकर को निशाना बनाना महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन की मदद नहीं करेगा। बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे। पवार ने राहुल गांधी को यह भी बताया कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे। हमारी असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के साथ है।
इसलिए सावरकर पर निशाना साधते थे राहुल
राहुल गांधी के निशाने पर आरएसएस और बीजेपी रहते हैं। ऐसे में वे यह साबित करना चाहते थे कि आरएसएस ने देश की आजादी के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे में उन्हें साफ्ट टारगेट वीर सावरकर नजर आए। उन्होंने हिंदूवादी रहे सावरकर पर जेल से छूटने के लिए अंग्रेजों को लिखे माफीनामा को मुद्दा बनाया। इसके बहाने वे यह साबित करना चाहते थे कि हिंदूवादी संगठन और आरएसएस ने देश के लिए कुछ नहीं किया। वे वीर सावरकर के 14 साल अंडमान निकोबार में जेल में गुजारी सजा को भी भूल गए। जबकि इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट भी जारी की थी। जाहिर है अब शरद पवार के समझाने पर शायद राहुल गांधी सावरकर के खिलाफ न बोलें।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments