HomeजबलपुरVaccination को लेकर फैली भ्रांतियों और अंधविश्वास को दूर करेंगे धर्मगुरू व...

Vaccination को लेकर फैली भ्रांतियों और अंधविश्वास को दूर करेंगे धर्मगुरू व मीडिया

  • राष्ट्रीय खसरा टीकाकरण दिवस के अवसर पर धर्मगुरुओं और मीडिया समूह का जिला स्तरीय संवेदनीकरण कार्यशाला

जबलपुर। याद कीजिए जब पिछले कोरोनाकाल में कोविड के टीके को लेकर अंधविश्वास और अफवाहें फैली थीं। लोग टीकाकरण करने जा रही टीम के सामने डंडे लेकर खड़े हो जाते थे और घर में घुसने नहीं देते थे। लेकिन जब दूसरी लहर प्रचंड हुई तो समझ में आया कि टीका तो सुरक्षा कवच है। अब इसी तरह की भ्रांतियां खसरा और रूबेला रोग को लेकर फैल रही हैं। इन्हीं भांतियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय खसरा टीकाकरण दिवस के उपलक्ष्य में जबलपुर के धर्मगुरुओं और मीडिया समूह के संबेदनीकरण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन होटल अरिहंत पैलेस मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा के मार्गदर्शन व यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से किया गया।
दिसंबर 2023 तक मीज़ल्स रूबेला रोग के निर्मूलन का लक्ष्य
कार्यशाला इसका मुख्य उद्देश्य खसरा और रूबेला रोग के संबंध मे समाज मे फैली विभिन्न भ्रान्तियों, कुरुतियों और अन्धविश्वास को दूर करना है जिसे धर्मगुरू एवं मीडिया के माध्यम से समाज को संबेदनीकरण और जागरूक करके दूर किया जा सकता है। भारत सरकार ने दिसंबर 2023 तक मीज़ल्स रूबेला रोग के निर्मूलन करने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एमआर के दो टीके 5 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को लगना आवश्यक है, पर अभी भी कुछ लोग यह टीके अपने बच्चों को लगवाने मे संकोच करते हैं। इसी संकोच और भय को दूर कर हम इस राक्षस रूपी बीमारी का सम्पूर्ण रूप से खात्मा कर सकते हैं।
यह हैं खसरा रूबेला रोग के मुख्य लक्षण
जिला स्तरीय कार्यशाला में जिला अधिकारीयों के साथ शिशु रोग विशेषज्ञों ने इस रोग के बारे में जानकारी दी। खसरा रूबेला रोग के मुख्य लक्षण लाल दाने तेज बुखार के साथ सर्दी खांसी होता है। समय के साथ ये रोग बच्चे में गंभीर हो जाता है और जानलेवा हो जाता है। इसके कई दुष्परिणाम भी होते हैं। एक तो इसका इलाज नहीं होता। सिर्फ इससे एमआर के दो टीके लगवाकर बचा जा सकता है। कार्यशाला में ज़ूम मीटिंग के माध्यम से राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला ने भी उपस्थित गणमान्य जनों से संवाद किया और जबलपुर के इस आयोजन के लिए प्रसन्नता जाहिर की। भोपाल यूनिसेफ से डॉ झिलमिल ने भी ज़ूम लिंक के माध्यम से उपस्थित होकर अपने उदगार से लाभान्वित किया तथा जबलपुर को इस आयोजन की बधाई दी। भोपाल से आये राज्य टीकाकरण सलाहकार डॉ रविंद्र बबेले ने भी कार्यशाला में इस बीमारी की सूक्ष्म जानकारी धर्मगुरुओं और मीडिया समूह के गणमान्य जनों को दी। कार्यशाला को सर्वप्रथम सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने संबोधित किया और सभी उपस्थित धर्मगुरुओं से इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का आशीष और मीडिया समूह से सहयोग की अपेक्षा की।
संकल्प पत्र पर सभी धर्मगुरुओं ने हस्ताक्षर किये
इसके बाद जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता ,वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शत्रुधन दाहिया, संभागीय टीकाकरण अधिकारी डॉ एस एस उपाध्याय, डब्लूएचओ के एस एम ओ डॉ जलज खरे ने इस रोग के कारण, फैलाव , रोकथाम और एमआर टीकाकरण की जानकारी दी। कार्यशाला के अंत मे सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने अपने विचार तथा संकल्प को सभी मीडिया समूह और उपस्थित जनसमुदाय के समक्ष रखा। संकल्प पत्र पर सभी धर्मगुरुओं ने हस्ताक्षर किये और इस महत्वपूर्ण जानकारी और कार्यशाला के आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग और शासन का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में नर्मदा मंडल के पं भगवान दास तिवारी, कालीधाम सदर से पं राजकुमार जोशी, पं सत्यम तिवारी, पं शुभम मिश्रा, मौलाना साहब अलीम अख्तर सुलेमान, क्रिस्चीयन समाज के लोरेंस रायबोले, सिख समुदाय के भाईजी हरिजीत सिंह, बोहरा समाज के मोईज, जैन समुदाय से सीमा जैन के साथ उनके सहयोगी उपस्थित हुए। मंच संचालन जिला मीडिया अधिकारी अजय कुरील ने किया। कार्यशाला में सभी मीडिया समूह के साथ अधिकारी, डीएचओ डॉ व्यास, डॉ भरत खटीक, डॉ डीजे मोहन्ति, डीपीएम विजय पांडे, यूनिसेफ के सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, सुनील शुक्ला, के साथ समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments