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विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती प्रक्रिया पर लगातार खड़े हो रहे सवाल, एक ही परिवार के चार लोगों का हो गया चयन

महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में हाल ही में भृत्य/चौकीदार के 16 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई। एक ही दिन में 1548 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते हुए परिणाम घोषित कर दिए गए। परिणाम सामने आते ही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए हैं। छात्र संघर्ष समिति ने दो जून को मुख्यमंत्री से शिकायत की थी और जिन नामों की चर्चा की थी उन्हीं नामों का चयन हुआ है। इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं अब इस पुरे मामले मे राजनगर विधायक कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा ने विधानसभा मे तारंकित प्रश्न लगाया हैं जिसका क्रमांक 51 तथा सदन मे जिसका उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा 13/07/2023 कों उत्तर दिया जायेगा अब देखना होगा की इस संपूर्ण भर्ती प्रकिया मे आगे क्या मोड़ आता हैं।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री थापक का कार्यकाल 20 जून को समाप्त हो गया उसके पहले उन्होंने भृत्य / चौकीदारी के पदों पर भर्ती कर डाली जो संदेह के घेरे में है। क्योंकि इस भर्ती प्रक्रिया में शासकीय नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं। विश्वविद्यालय द्वारा जो विज्ञापन जारी किया गया उसमें दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक के लिए पदों का आरक्षण नहीं किया गया। भर्ती प्रक्रिया में दोबारा विज्ञापन जारी किया गया जिसमें 15 दिवस का समय कम से कम दिया जाना चाहिए था लेकिन एक सप्ताह का समय दिया गया। कार्यकाल के पहले ही उन्होंने चौकीदार भृत्य पदों की नियुक्तियां कर डालीं जो पूरे जिले में चर्चा का विषय है।

महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड वि. वि. छतरपुर में भृत्य / चौकीदार के 16 पदों पर की गई परीक्षा एवं उसके द्वारा जारी परीक्षा परिणाम संदेह के घेरे मे है। ज्ञात हो कि 02 जून 2023 के मुख्यमंत्री के आगमन के समय छात्र संघर्ष समिति द्वारा जो पर्चे बांटे गये थे, तथा समाचार पत्रों में 04 जून 2023 के अंक मे जो समाचार प्रकाशित हुआ था जिसके कारण नाम उजागर होने से परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। दिनांक 18 जून 2023 को पुन: परीक्षा आयोजित की गई। कुल सचिव ने 20.04.2023 के अपने विज्ञापन में सभी आवेदकों से हार्ड कापी अनिवार्य रूप से जमा करायी थी तथा एक जाँच समिति द्वारा आवेदनों की जाँच की गई थी परन्तु 18 तारीख की परीक्षा के पूर्व दिनांक 07.06.2023 को कुल सचिव द्वारा जारी अधिसूचना में आवेदकों से हार्ड कॉपी जमा नही करायी गई और न ही आवेदन पत्रों की जाँच किसी समिति के द्वारा करायी गयी। करीब 601 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे।

दिनांक 16.06.2023 को नये कुलपति का आदेश राजभवन से जारी हुआ उसके बाद परीक्षा आयोजित कर 19.06.2023 को परीक्षा परिणाम घोषित किये जिसमें पूर्व से वायरल हो रहे नामों मे सामान्य वर्ग की 06 सीटों पर एक ही परिवार के चार सदस्यों का चयन किया गया, जो सम्पूर्ण प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है। तथा परीक्षा नियंत्रक की गोपनीयता भी संदेह के दायरे मे आती है। वायरल हुये पर्चे मे जो पहला नाम था – अमित तिवारी उर्फ अभिषेक तिवारी अनुक्रमांक 10051069 अंक 100 मे 92 इनके भाई आशुतोष तिवारी रोल नं. 10050286 इन्होने टॉप किया 100 मे 96 अंक इनके परिवार की सदस्य आकांक्षा रावत रोल नं. 10050943 अंक 94 इनके भतीजे शिवम् मिश्रा रोल नं. 10050165 अंक 94 एक ही परिवार के सदस्य है।

सूत्रों की माने तो अमित तिवारी उर्फ अभिषेक तिवारी की स्विफ्ट मारूति कार जिसका नंबर एम.पी.16सी.बी. 7359 है, वह बिना निविदा के लगातार तीन वर्षो से विश्वविद्यालय मे 30,000/- रूपये प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। जबकि विश्वविद्यालय में यह गाड़ी नहीं रहती।

जबलपुर की कार्य परिषद सदस्य के दो आवेदक 90 अंको पर है अनीता सिंह व रमेश साहू । जिनका उल्लेख भी पूर्व पर्चे मे था। जबकि हाईकोर्ट द्वारा अगली तिथि 10 जुलाई 2023 निर्धारित है, देखना यह है कि नयी कुलपति श्रीमती शुभा तिवारी इस नियुक्तियों पर क्या निर्णय लेती है। विश्वविद्यालय मे यह चर्चा का विषय है।

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