Homeजबलपुरअडानी पर सियासत तेज.. कांग्रेस ने एलआईसी और एसबीआई को घेरा

अडानी पर सियासत तेज.. कांग्रेस ने एलआईसी और एसबीआई को घेरा

  • विधायक विनय सक्सेना ने कहा-आम आदमी की जमा पूंजी की सुरक्षा करेगी कांग्रेस पार्टी
  • कागजों के आधार पर उद्योगपति मित्रों को लाखों-अरबों का ऋण दिया जा रहा है

जबलपुर। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी समूह पर कई सवाल उठाए गए हैं। इसके साथ ही शेयर मार्केट में उनके शेयरों की कीमत रसातल पर पहुंच गई है। बहरहाल इस मुद्दे पर विरोधी पार्टियां भाजपा को घेरने में जुटी हुई हैं। साथ ही निवेश-लोन देने वाले बैंकों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस भी इस मुद्दे को यूं ही छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस आलाकमान व मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आवाहन पर एलआईसी मुख्यालय मदन महल शारदा चौक पर ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश तामसेतवार के संयोजन में व एसबीआई मुख्यालय विजय नगर में ब्लॉक अध्यक्ष सुसीम धर के संयोजन में धरना प्रदर्शन किया गया। एलआईसी मुख्यालय मदन महल शारदा चौक में ब्लॉक अध्यक्ष के साथ बलवंत सिंह गुर्जर, आजम खान, शिव कुमार चौबे, विजय रजक, रवि सैलानी, प्रभा सिंह, शोभा उपाध्याय, अंश गुजराल, सुशांत सिंह, पार्षद अख्तर अंसारी, अतुल बाजपेई, अभिषेक चौकसे “चिंटू“, रुकमनी गोटिया आदि ने जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। शहर जिला कांग्रेस कमेटी की पूर्व घोषणा अनुसार भारतीय स्टेट बैंक मुख्यालय विजयनगर पर ब्लॉक अध्यक्ष सुशीम धर के संयोजन में प्रदर्शन किया।
सरकार का दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
धरने में उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आम आदमियों के धन की रक्षा के लिए संकल्पित है। केंद्र सरकार का आम आदमी के साथ दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां बिना किसी गिरवी पूरे कागजात के बिना 5 लाख का लोन नहीं मिलता, वहीं कागजों के आधार पर उद्योगपति मित्रों को लाखों-अरबों का ऋण दिया जा रहा है। नियम विरुद्ध लाखों-अरबों के ऋणों का खेल आम जनता समझ व जान चुकी है। आम आदमी की जमा पूंजी की सुरक्षा कांग्रेस पार्टी करेगी।
अरबपतियों मित्रों को लाभ पहुंचाने नियमों को शिथिल किया
संगठन मंत्री मनोज सेठ ने कहा कि एलआईसी और एसबीआई हमारे देश के विश्वसनीय संस्थान हैं, जिसमें करोड़ों भारतीय की गाढ़ी कमाई सुरक्षित है। केंद्र की सरकार ने खास अरबपतियों मित्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों को शिथिल करने का जो कार्य किया है, वह देशहितैषी निर्णय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में केंद्र सरकार संसद में चर्चा नहीं करना चाहती, न ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाना चाहती, ना ही संयुक्त संसदीय समिति के तहत निष्पक्ष जांच नहीं कराती। केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, ताकि एलआईसी और एसबीआई के निवेशकों और बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित रहे। पूर्व विधायक नित्य निरंजन खंपरिया, सतीश तिवारी, कदीर सोनी, सुशीला कनौजिया, विजय मिश्रा, अरुण दुबे ने भी विचार रखे। संचालन मनोज नामदेव व आभार प्रदर्शन शुसीम घर ने किया।

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