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पाकिस्तान कंगाल.. नहीं आएंगे विदेशी मेहमान, हथियारों की नुमाइश भी नहीं होगी

दिल्ली। भारत को आंखें दिखाने वाला पाकिस्तान आज खुद से आंखें नहीं मिला पा रहा है। परमाणु युद्ध की धमकी देने और कश्मीर में अलगाव की आग भड़काने वाले पाकिस्तान आज भुखमरी के कगार पर है। पिछले दिनों आईएमएफ के सामने भीख का कटोरे लेकर खड़े पाकिस्तान को कोई मदद नहीं मिली। विश्व के कई देश भी उसे हिकारत भरी नजरों से देख रहे हैं। कंगाली का असर यह है कि अब पाकिस्तान सरकार नेशनल डे परेड (23 मार्च) को भव्य आयोजन नहीं कर पाएगी। प्रेसिडेंट हाउस के लॉन में चंद लोगों के बीच में प्रतीकात्मक आयोजन ही होगा। कोई विदेशी मेहमान भी नहीं आएगा, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने पैसे बचाने के लिए यह निर्णय लिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां शाहबाज शरीफ ने सरकारी फिजूलखर्ची रोकने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे। कैबिनेट का सैलरी न लेने के साथ ही फौज से भी कहा गया कि नेशनल डे परेड को इस साल प्रतीकात्मक रखा जाए।
बड़े मैदान से लॉन में सिमटेगा कार्यक्रम


पाकिस्तान डे परेड भारत की गणतंत्र दिवस परेड की तरह भव्य होती है। 23 मार्च को यह समारोह इस्लामाबाद के सबसे बड़े मैदान शकरपारियां में होता रहा है। चीफ गेस्ट कोई विदेशी हस्ती होता था। लेकिन कंगाली का आलम यह है कि यह आयोजन सिर्फ छोटे से प्रेसिडेंट लॉन में होगा। किसी भी विदेशी को बतौर गेस्ट नहीं बुलाया जाएगा। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ही कार्यक्रम में शामिल होंगे। पाकिस्तानी फौज इस बार हथियारों का प्रदर्शन भी नहीं करेगी और न ही परेड में झांकियां ही निकालेंगी।
पाकिस्तान की दरिद्रता की यह स्थिति

  • विदेशी मुद्रा भंडार महज 2.79 अरब डॉलर बचा है। ये भी सऊदी अरब और चीन का गारंटी डिपॉजिट है। इसे खर्च नहीं किया जा सकता।
  • डॉलर की कमी से इंपोर्ट बंद है। आटा, प्याज, जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं। बैंकों से लेटर ऑफ क्रेडिट न मिलने से हजारों कंटेनर में सामग्री अटकी पड़ी है।
  • टोयोटा, सुजुकी ने कार प्लांट बंद कर दिए हैं। प्रमुख टेक्सटाइल इंडस्ट्री के भी कई प्लांट बंद हो चुके हैं। कार, ट्रैक्टर और फाइबर का उत्पादन बंद है।
  • पिछले साल गर्मियों में आई भीषण बाढ़ से 80 प्रतिशत फसलें तबाह हो गईं। खाने के सामानों की कमी हो गई।
  • इमरान सरकार ने जाते-जाते पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी की ऐलान कर दिया था। आईएमएफ के कहने पर फ्यूल समेत तमाम जरूरी चीजों के दाम बढ़ा दिए थे।\
  • पाकिस्तान में पिछले दिनों ब्लैकआउट हुआ, इसकी वजह यह हे कि यहां बिजली भी फ्यूल से ही बनाई जाती है।
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