अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। नकदी संकट मार में फंसे पाकिस्तान की सरकार के दावे को आईएमएफ ने खारिज कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान की ओर से कहा गया था कि आईएमएफ की ओर से धन जारी करने के लिए पाकिस्तान ने सभी शर्तों को पूरा कर लिया है।
वर्ष 2019 में आईएमएफ ने पाकिस्तान को कुछ शर्तों पर छह अरब डॉलर देने के लिए समझौता किया था। लेकिन यह योजना अभी तक बेपटरी हुई है और इसका पूरा भुगतान अभी तक पाकिस्तान को नहीं मिल है आईएमएफ की मांग है की पाकिस्तान आईएमएफ की सभी शर्तों का पालन ठीक ढंग से करे
हालांकि आईएमएफ की सभी शर्तों का पालन न करने के वाबजुद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वित्त मंत्री इशाक दार ने आईएमएफ में बार-बार दावा किया है कि पाकिस्तान आईएमएफ की सभी शर्तों का पालन ठीक ढंग करता आ रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसके पास आईएमएफ की ओर से शुक्रवार को एक बयान आया है, जिसमें आईएमएफ ने नौवीं समीक्षा के लिए जरूरी सभी औपचारिकताएं पूरी करने के पाकिस्तान सरकार के दावे को खारिज कर दिया है। समाचार एजंसियों ने पाकिस्तान में आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर के हवाले से बताया, “आईएमएफ पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ लगातार काम कर रहा है।”
पोर्टर ने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज के लिए नौवीं समीक्षा में क्या-क्या दावे किए गए है हालांकि, यह कर्ज की राशि पाकिस्तान को देने के लिए पहले ही सात महीनों की देरी की जा चुकी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री पहले ही कहते आ रहे हैं कि मौजूदा आर्थिक हालात में पाकिस्तान को अपनी स्थिति ठीक करने के लिए करीब छह अरब डॉलर की जरूरत होगी। जिसमें उन्होंने कहा था कि तीन अरब डॉलर उसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से मिलने की बात चल रही है है।
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