Homeताजा ख़बरशिवराज-कमलनाथ के लिए आसान नहीं होगा नया साल.. जोर-आजमाइश हो गई शुरू

शिवराज-कमलनाथ के लिए आसान नहीं होगा नया साल.. जोर-आजमाइश हो गई शुरू

देखें क्या बोले शिवराज-कमलनाथ :

  • विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियां तैयार, कांग्रेसियों को कमलनाथ को बताया भावी मुख्यमंत्री, भाजपा बोली ख्याली पुलाव

भोपाल। मप्र में साल के आखिर तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में दोनों पार्टियां अभी से तैयारी में जुट गई हैं। भाजपा का संभावित चेहरा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही हैं। वहीं कांग्रेस ने नववर्ष के पोस्टर में कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया है। ऐसे में दोनों में ही चुनावी टक्कर देखने को मिलेगी। हालांकि भाजपा नेताओं ने कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर इसे ख्याली पुलाव ही बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि खुद कांग्रेसी भी मान रहे हैं कि उसे दहाई के अंकों में ही सीटें मिलेंगी। ऐसे में दिन में यह ख्वाब देखना हैं तो देखें, भाजपा तो आराम से सत्ता में लौटेगी।
नववर्ष पर बधाई के मायने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नववर्ष की बधाई दी है। उन्होंने मप्र की जनता से विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर मप्र बनाने सहयोग मांगा है। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, व कुशासन मुक्त मप्र बनाने की अपील की है। दोनों नेताओं ने जनता से सहयोग मांगकर एक तरह से जीत का आशीर्वाद मांगा है। अब देखना होगा कि नए साल में किसकी हसरत पूरी होती है।
राहुल का दावा होगा कितना सच
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने पत्रकार वार्ता के दौरान दावा किया कि मध्य प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस जीतेगी और मैं यह लिखकर देता हूं। मप्र में भाजपा दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं देगी। मध्य प्रदेश में तूफान आया हुआ है। भाजपा ने पैसा देकर सरकार बनाई है जिससे पूरा प्रदेश गुस्से में है। इसलिए कांग्रेस वहां सत्ता में वापस लौटेगी। राहुल गांधी से जब मीडिया ने पूछा कि कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह कह रहे हैं कि मप्र में कांग्रेस की 50 से अधिक सीटें ही आएंगी तो राहुल ने कहा कि आप उनसे शर्त लो। तगड़ी शर्त लगा लो, मप्र में कांग्रेस ही जीतेगी। शर्त लगाने से आपका फायदा होगा।
भाजपा-कांग्रेस की ये हैं चुनौतियां
भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उसे सत्ता में रहकर अपनी योजनाएं जनता तक पहुंचानी हैं। एंटी इन्कमबैंसी से भी भाजपा को निजात पानी होगी। भाजपा का चेहरा तो शिवराज होंगे, लेकिन मोदी उसके लिए सबसे बड़े स्टार प्रचारक होंगे। यानि मोदी के चेहरे पर ही भाजपा को सत्ता की वैतरणी पार करनी होगी। वहीं कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी ही है। जिस तरह लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाए हैं, उससे कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति पता चलती है। लेकिन कमलनाथ कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी बड़ी उम्मीदें हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि कांग्रेस भाजपा की नाकामियां गिना पाती है या नहीं।

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