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MP : बजट ऐसा हो जो जबलपुर के सपनों को साकार कर सके

  • मिष्ठान, नमकीन क्लसटर, फर्नीचर क्लसटर, गारमेंट क्लसटर, खाद्य प्रसंस्करण क्लसटर, स्टार्टअप क्लसटर मूर्त रूप ले
  • फेडरेशन ऑफ म. प्र. चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने कहा-बजट विकासोन्मुखी और रोजगार को प्रोत्साहन देने वाला हो

जबलपुर। मिष्ठान, नमकीन क्लसटर, फर्नीचर क्लसटर, गारमेंट क्लसटर, खाद्य प्रसंस्करण क्लसटर, स्टार्टअप क्लसटर आदि साकार हो सकें। प्रदेश में घोषित औद्योगिक कल्स्टरों को मूर्त रुप प्रदान करने और उनका विकास करने बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया जाना चाहिए जिससे जबलपुर में स्थापित होने वाले मिष्ठान, नमकीन क्लसटर, फर्नीचर क्लसटर, गारमेंट क्लसटर, तथा संभावनाओं से परिपूर्ण खाद्य प्रसंस्करण क्लसटर, स्टार्टअप क्लसटर आदि साकार हो सकें। यह कहना है फेडरेशन ऑफ म. प्र. चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे का। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश शासन का वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश होने वाला बजट विकासोन्मुखी हो जो कि उद्योग, व्यापार, रोजगार को प्रोत्साहन देने वाला हो ।
कर्ज चिंता का विषय
जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने बताया कि प्रदेश शासन अपनी अनेकों योजनाओं को संचालित करने हेतु अत्याधिक कर्ज ले चुका है तथा प्रदेश के बजटों में वित्तीय घाटा निरंतर बढ़ रहा है। यहां आवश्यकता है दूरगामी सोच की जिससे आवश्यक वस्तुओं के दाम बिना बढ़ाए बजट को सार्थक बनाया जा सके।
एमएसएमई अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन
फेडरेशन ऑफ म. प्र. चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि एमएसएमई अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन है जो कि सकल घरेलु उत्पाद में लगभग 40 प्रतिशत योगदान देता है, आवश्यकता है कि इस सेक्टर को हो रही समस्याओं का निदान हो तथा बजट में इनके लिए लाभदायक घोषणाएं हो।
जनता को महंगाई से राहत दिलाएं
फेडरेशन के कार्यसमिति सदस्य अशोक कपूर, अरुण पवार, राजीव अग्रवाल, बलदीप मैनी, आदि ने प्रदेश के मुख्य मंत्री एवं वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि आगामी बजट से प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत प्राप्त हो और यह बजट कल्याणकारी साबित हो।
बजट के लिए ये सुझाव दिए?

  • मध्य प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों के लिए पॉवर के रेट प्रति यूनिट फिक्स किया जाना चाहिए।
  • राज्यों के सभी औद्योगिक क्षेत्रों को उच्च गुणवत्तायुक्त बनाने, बेहतर अधोसंरचना तथा उत्पादों की सभी प्रकार की टेस्टिंग हेतु प्रयोगशाला बनाया जाए।
  • एमएसएमई उद्योग के लिए सोलर पॉवर लगाने हेतु 25 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान इस बजट में रखा जाए। ग्रामीण औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने छोटे औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण अति आवश्यक है ताकि ग्रामीण उद्यम बढ़ सके।
  • सभी प्रकार के उद्योगों में लगने वाले लाइसेंस एवं अनुमति न्यूनतम 10 वर्ष तक मिलना चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र की जमीन जो 30 या 99 वर्ष के लिए लीज पर दी जाती है उसे 10 वर्ष के बाद उद्योग को फ्री होल्ड की जाना चाहिए तथा लीज की जमीन को कॉलेटरल मानकर लोन दिया जाना चाहिए।
  • उद्योगों से जो संपार्श्विक प्रतिभूति ली जाती है उस पर स्टाम्प ड्यूटी को पूर्णतः माफ किया जाना चाहिए।
  • कोई अगर बंद उद्योग लेना चाहता है तो उसको खरीदने में जो स्टाम्प ड्यूटी लगती है उसको भी माफ किया जाना चाहिए या एक निश्चित राशि लेकर उसका रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए।
  • सभी जिला स्तरों पर उद्योग हाट बाजार खोलने की आवश्यकता है ताकि छोटे-छोटे उद्योगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को प्रचारित-प्रसारित कर आसानी से बेच सकें।
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