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इंदौर पर मंडराया मीजल्स का खतरा, देखें कितने मरीज मिले, मौत भी हुई

  • 14 बच्चों को नहीं लगी थी वैक्सीन, एक बच्चे में रूबेला भी, कलेक्टर की अपील-वैक्सीन जरूर लगवाएं
  • 10 बच्चों के भी सैंपल टेस्टिंग के लिए भोपाल भेजे गए, वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल 

इंदौर। मध्यप्रदेश के कई शहरों में मीजल्स के मरीज पाए गए हैं। लेकिन अब इंदौर में एक हफ्ते में मीजल्स के 16 केस सामने आए तो हड़कंप मच गया। इनमें से एक 11 साल के बच्चे की मौत हो गई। इन केसों में एक रूबेला का भी है। चौंकाने वाली बात यह कि जिस बच्चे की मौत हुई है उसके सहित 14 बच्चों ने मीजल्स की वैक्सीन नहीं लगाई थी। जिन दो बच्चों को वैक्सीन लगी है उनका भी सिंगल डोज ही लगाया गया था। इसके अलावा अन्य 10 बच्चों के भी सैंपल टेस्टिंग के लिए भोपाल भेजे गए हैं। अहम यह कि शहर में लगातार मिल रहे मीजल्स के केसेस ने वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठा दिए हैं। मामले में कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने गुरुवार को इसे लेकर बैठक ली और जिले में वैक्सीनेशन व जन जागरण अभियान के निर्देश दिए।
अचानक तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई
बताया गया कि जिस बच्चे की मौत हुई उसे मीजल्स के दोनों वैक्सीन नहीं लगे थे। उसे एनसिफेलाइटिस (मस्तिष्क का बुखार) था तथा सीएचएल हॉस्पिटल में एडमिट था। इलाज के दौरान उनके कान के पीछे मीजल्स के दाने दिखे थे। इस बीच उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। दरअसल एनसिफेलाइटिस बीमारी मस्तिष्क में सूजन संक्रमण के कारण होती है।
यह होते हैं मीजल्स के लक्षण
यह संक्रमण बैक्टीरिया या वायरल की वजह से हो सकता है। कुछ मामलों में दिमागी बुखार, शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता की समस्या के कारण हो सकता है। उक्त बच्चे का वैक्सीनेशन नहीं होना भी मौत का खास कारण है।

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