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भगवान ब्रह्मा ने इसी माह की थी सृष्टि की रचना, जानिए क्या है महत्व, क्या करें क्या न करें..!

जबलपुर। होली का त्योहार हम मना चुके हैं। इसी के साथ चैत्र माह शुरू हो चुका है। यह पवित्र माह 8 मार्च से शुरू हो चुका है जो 6 अप्रैल तक चलेगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास साल का अंतिम मास और चैत्र साल का पहला महीना होता है। हमारे धर्मग्रंथों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह में ही भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की थी। इस माह में नवरात्र, रामनवमी, पापमोचिनी एकादशी, हनुमान जयंती जैसे कई बड़े और महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं।
नई सृष्टि की शुरुआत हुई
माना जाता है कि ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। मान्यता है कि प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई।
चैत्र नवरात्रि का अपना महत्व
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म का नया साल भी इसी के साथ शुरू हो जाता है। ये 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना के लिए समर्पित होते हैं। महाराष्ट्र राज्य में इस दिन को हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुड़ी की पूजा की जाती है। 9 दिन तक भक्त मां की आराधना करते हैं और ज्योति कलश रखने के साथ ही मंदिर में तरह-तरह के आयोजन भी होते हैं।
इस महीने रखें विशेष सावधानियां
प्राचीन काल से यह मान्यता है कि इस महीने से धीरे-धीरे अनाज खाना कम करना चाहिए। पानी अधिक पीना चाहिए और फल खाना चाहिए। इस महीने में गुड़ नहीं खाना चाहिए। हालांकि चना खाना बहुत अच्छा माना गया है। इस महीने से बासी भोजन खाना बंद कर देना चाहिए। मान्यता है कि सूर्य और देवी की उपासना करना चाहिए। नाम, यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य की उपासना करना अच्छा माना जाता है। शक्ति और ऊर्जा के लिए देवी की उपासना करना चाहिए। इस महीने में लाल फलों का दान करना अच्छा माना जाता है। साथ ही नियमित रूप में पेड़ पौधों में जल डालना चाहिए।
ये पर्व आएं चैत्र माह में

  • 11 मार्च दिन शनिवार- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
  • 12 मार्च दिन रविवार-रंग पंचमी
  • 14 मार्च दिन मंगलवार-शीतला सप्तमी, कालाष्टमी
  • 15 मार्च दिन बुधवार-मीन संक्रांति, खरमास शुरू, बसोड़ा अष्टमी
  • 18 मार्च दिन शनिवार-पापमोचिनी एकादशी
  • 19 मार्च दिन रविवार-प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
  • 20 मार्च दिन सोमवार-मासिक शिवरात्रि
  • 21 मार्च दिन मंगलवार-चैत्र अमावस्या
  • 22 मार्च दिन बुधवार-चैत्र नवरात्रि, हिंदू नववर्ष शुरू, गुड़ी पड़वा, झूलेलाल जयंती
  • 23 मार्च दिन गुरुवार-रमजान शुरू, चेटी चंड
  • 24 मार्च दिन शुक्रवार-गणगौर, मत्स्य जयंती, गौरी पूजा
  • 25 मार्च दिन शनिवार-विनायक चतुर्थी, लक्ष्मी पंचमी
  • 27 मार्च दिन सोमवार-यमुना छठ
  • 29 मार्च दिन बुधवार-चैत्र नवरात्रि अष्टमी
  • 30 मार्च दिन गुरुवार-राम नवमी
  • 31 मार्च दिन शुक्रवार-चैत्र नवरात्रि समाप्त
  • 1 अप्रैल दिन शनिवार-कामदा एकादशी
  • 2 अप्रैल दिन रविवार-वामन द्वादशी
  • 3 अप्रैल दिन सोमवार-प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
  • 5 अप्रैल दिन बुधवार-चैत्र पूर्णिमा
  • 6 अप्रैल दिन गुरुवार-हनुमान जयंती
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