- श्रीलंका की राह पर तेजी से बढ़ रहा पाकिस्तान, भूखों मरने के हालात, महंगाई ने तोड़ी कमर
- आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की डील फाइनल नहीं हो पाई
- पाकिस्तानी करेंसी में आई गिरावट, विदेशी मुद्रा का भारी संकट
नई दिल्ली। कभी भारत को आंखें तरेरने वाला पाकिस्तान आज खून के आंसू रो रहा है। वहां की बदहाली, महंगाई से त्रस्त जनता के आक्रोश से हुक्मरानों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। कब यहां की स्थिति विस्फोटक हो जाए, कहा नहीं जा सकता। हालात यह हैं कि लोगों के भूखों मरने की स्थिति आ गई है। गेहूं, चावल, दूध और दवाओं के दाम तो सातवें आसमान पर हैं ही, अब पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। सरकार ने पेट्रोल में 22 तो डीजल में 17 रुपए की बढ़ोतरी कर दी। इससे एक लीटर पेट्रोल अब 272 रुपए का तो डीजल 280 रुपए का हो गया है। एक महीने में पेट्रोल 58 रुपए और डीजल 53 महंगा हो चुका है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकत हैं कि वहां के हालात क्या होंगे।
पाकिस्तानी करेंसी में लगातार गिरावट
पाकिस्तान की बदहाली की सबसे बड़ी वजह पाकिस्तानी करेंसी में आई गिरावट है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भारी संकट है। इससे आयात और निर्यात पर असर पड़ रहा है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। आईएमएफ कर्ज नहीं दे रहा है। उसने कर्ज के लिए सख्त शर्तें रखी हैं। इनमें डीजल और पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी भी शामिल है। यह सब देखते हुए भी पाकिस्तान का कट्टर समर्थक चीन मौन है। वह चुपचाप पाकिस्तान की बर्बादी देख रहा है। पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन आईएमएफ ने मैराथन बैठकें कीं, लेकिन डील फाइनल नहीं हो पाई। बहरहाल पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर वर्चुअल चर्चा जारी है।
पाकिस्तान सरकार ने खड़े किए हाथ
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का कहना है कि पाकिस्तान को कर्ज मिलने में देरी हुई है। सरकार ने मिनी बजट के जरिए टैक्स और उसके बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी भी की है। इसका खामियाजा वहां की जनता को उठाना पड़ेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि आईएमएफ की शर्तें हमारी सोच से भी ज्यादा सख्त और खतरनाक हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है।