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एक्टिविटी जरूरी है तो रामायण का पाठ करो, संस्कृति के साथ खिलवाड़ मत करो

प्रयाग के संगम तट को मुंबई के चौपाटी बनने से बचाए प्रशासन : देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
प्रयागराज। पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान प्रयागराज में 04 नवंबर से 10 नवंबर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। पूज्य महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को मेरे कष्ट तू मिटा दे दुनिया बनाने वाले.. भजन श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि हम पर हमारी संगति का बहुत प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हमें अच्छी संगति में रहना चाहिए। हमें टीवी पर प्रसारित गलत धारावाहिक नहीं देखने चाहिए। उनका हम पर बहुत प्रभाव पड़ता है। अपने धर्म ग्रंथों को पढऩा चाहिए उन्हीं से संबंधित धारावाहिक प्रोग्राम देखने चाहिए। महाराज श्री ने कहा कि मन से किये गए कर्मों का फल हमें ज़रूर मिलता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में एक्स्ट्रा एक्टिविटी के नाम पर लड़कियों को नृत्य नहीं करना चाहिए। अगर अतिरिक्त एक्टिविटी ज़रूरी है तो रामायण का प्रोग्राम करो, रामायण का पाठ करो। कोई भी माता-पिता अपनी पुत्रियों को चरित्रहीन नहीं बनाना चाहता है। अतिरिक्त एक्टिविटी के नाम पर ये हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ है।
दुनिया में कोई सुखी है तो वह हैं भगवान के दास
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि सच्ची निष्ठा यही है कि हम अपने धर्म के लिए, अपने कृष्ण के लिए कुछ भी छोड़ सकते हैं लेकिन अपने धर्म को कभी नहीं छोड़ सकते। ये कमाई, ये नौकरी, ये जॉब हमेशा रहेगी लेकिन वो पल जो हमें कृष्ण की ओर ले जाएं, गिने चुने ही होते हैं। अगर वो पल हम से छूट गए तो फिर लौट के आये न आये क्या पता। इसलिए उन पलों का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संसार में दुखी तो सभी हैं। कोई तन से दुखी है, कोई मन से दुखी है, तो कोई धन संपत्ति से दुखी है। अगर कोई खुश है तो वो हैं भगवान के दास। इसीलिए हमें भगवान की भक्ति करनी चाहिए क्यूंकि बस भगवान भक्त ही सुखी है। अगर भगवान के पास कोई दु:ख है तो वह है कि उन्हें अभी भगवान के साक्षात्कार दर्शन नहीं हुए।
स्वयं को बदल लेंगे तो ये समाज बदल जायेगा
उन्होंने कहा कि जब तक भगवान न चाहें सत्संग नहीं मिलता है। तुम्हारे पास पैसे है कोई बड़ी बात नहीं है, तुम्हारे पद प्रतिष्ठा है ये भी कोई बड़ी बात नहीं है। तुम्हारी पत्नी तुम्हारा पति सुन्दर है ये भी कोई बड़ी बात नहीं है। इस संसार में अगर बड़ी बात है, कोई दुर्लभ चीज़ है तो वो है भगवान की कथा दुर्लभ है और दूसरा संतों का समागम दुर्लभ है। आप को समाज को नहीं बदलना चाहिए क्यूंकि वो आपके हाथ में नहीं है आप स्वयं को बदलिए ये आपके हाथ में है। और अगर आप स्वयं को बदल लेंगे तो ये समाज स्वयं बदल जायेगा।
कपल पकड़ में आए तो उनसे संगम आरती कराएं, दीये जलवाएं
प्रयाग कथा के समापन दिवस पर पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने प्रयागराज के जिलाधिकारी और एस.पी से अनुरोध करते हुए कहा कि भक्तजन यहाँ संगम में नहाने आते है, किसी को घूमते हुए देखने नहीं। यदि कोई भी कपल वहां हाथ पकड़ के घूमने आये तो लोगों से विनती है उनसे संगम आरती कराए, दीये जलवाये। इसके अतिरिक्त संगम पर 25 कैमरों और कुछ पुलिस सुविधा की मांग की और इसका खर्चा विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट उठाएगा। जिससे संगम पर आये श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न आये। तीर्थों की राजधानी है प्रयागराज, यहाँ बहार से आकर कुछ लोग हमारी संस्कृति को अपवित्र कर रहे है। कथा के प्रारंभ में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक प्रत्याशी संदीप यादव, विश्व शांति सेवा समिति, रीवा सदस्य अरविन्द, संजय पाण्डेय, कुलदीप सिंह, राजीव त्रिपाठी, राहुल तिवारी ने पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।

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