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कथा पूरी हो जाए, तभी उठकर जाएं.. मुसलमानों को देखें, वे हिलते भी नहीं

  • देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने कहा-भगवान वहीं प्रकट होते हैं, जहां भक्तों की श्रद्धा होती है
  • सच्चा मानव जो सिर्फ अच्छाई स्वीकार करता है और बुराई को नजरअंदाज करता है

मुंबई। देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने हिंदुओं को धर्म की सीख दी है। उन्होंने बताया कि शिव पुराण में लिखा है जिसके कारण कथा में विघ्न पड़े, वो भी विघ्न नर्कगामी होता है। कथा प्रारंभ हो, उससे पहले जाकर बैठ जाओ और कथा जब पूरी हो जाए तो उठकर जाओ। एक-एक शब्द कानों में पड़े और आपकी वजह से कथा में विघ्न न पड़े। कुछ अच्छी चीजें तो हमें अपने विपक्षियों से भी सीख लेनी चाहिए। हमारे मुसलमान भाई इस बात के लिए बहुत समर्पित हैं। वे समय पर मस्जिद जाते हैं और जब उनकी नमाज का टाइम होता है, तो एक व्यक्ति भी नहीं हिल सकता। वे पूरी तरह धर्म के प्रति समर्पित रहते हैं। देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में दिनांक 14 से 22 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर सप्ताह ग्राउंड, महावीर नगर, मंतनपाड़ा रोड, कांदिवली वेस्ट, मुंबई में शिवमहापुराण कथा सुनाई। शिवमहापुराण कथा के नवम दिवस की शुरुआत शिव जी आरती एवं विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई।

संसार को भूलकर छोडक़र एकाग्रचित होकर भगवान की कथा सुनें

पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने कथा पंडाल में बैठे सभी भक्तों को भजन मेरा मन पंछी ये बोले उड़ वृन्दावन जाऊँ श्रवण कराया। उन्होंन बताया कि हम भगवान की कथा में आनंद के लिए जाते हैं कि हमारे मन को आनंद मिले और वो तभी आ सकता है, जब हम अपने संसार को भूलकर छोडक़र हम एकाग्रचित होकर भगवान की कथा को श्रवण करें। उन्होंने कहा कि शिव पुराण की कथाओं को सुनकर सच्ची दीवानगी होती है। संसार की दीवानगी बहुत फरेबी होती है। संसार में जब हम युवा हो रहे होते हैं, तब बड़े-बड़े रंग बिरंगे चहरे अच्छे लगते हैं। लेकिन समय आने पर उन रंगों का उन चेहरों का असली रंग जब सामने आता है। बचपन में हमें शिवजी, श्रीकृष्ण से प्रेम हो जाए तो न तो रंग बदलने की जरूरत है, न ढंग बदलने की जरुरत है और न ही राह बदलने की आवश्यकता है।

बुरी चीज पिता ही क्यों न समझाएं, मत सीखो

महाराजश्री ने कहा कि अगर भगवान के लिए निकले हो तो उस पर पूरा विश्वास करो और अच्छी चीज सबसे सीखो, बुरी चीज किसी से मत सीखो। चाहे पिता ही क्यों न समझाएं, बुरी चीज मत सीखो और अच्छी चीज कोई भी सिखाएं उससे सब चीज सीख लो। यही सच्चा मानव जो सिर्फ अच्छाई एक्सेप्ट करता है और बुराई को इग्नोर करता है। कथा में गणमान्य नागरिकों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने महाराजश्री का आशीर्वाद लिया।

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