Homeताजा ख़बरउद्यमी हमारे विकास के पार्टनर, MSME अर्थ-व्यवस्था की आत्मा : शिवराज

उद्यमी हमारे विकास के पार्टनर, MSME अर्थ-व्यवस्था की आत्मा : शिवराज

  • मुख्यमंत्री ने 1450 एमएसएमई इकाइयों को अंतरित की 400 करोड़ रूपए की सब्सिडी
  • स्थानीय स्तर पर अर्थ-व्यवस्था को गति देने और रोजगार सृजित करने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका

भोपाल। सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की औद्योगिक इकाइयाँ ही मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की आत्मा हैं। यह इकाइयाँ स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादों तथा अन्य सामग्री का वैल्यू एडिशन करने के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करती हैं। अर्थ-व्यवस्था को गति देने में इन इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उद्यमी हमारे विकास के पार्टनर हैं। राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की इकाइयों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हम प्रदेश में इन इकाइयों का जाल बिछाना चाहते हैं। इस दिशा में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। यह कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। उन्होंने 1450 एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को सिंगल क्लिक से 400 करोड़ रूपये की सब्सिडी अंतरित की। मुख्यमंत्री निवास स्थित कार्यालय भवन समत्व में हुए कार्यक्रम में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, सचिव पी. नरहरि तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के उद्यमी, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि वर्चुअली सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों और उद्यमियों से वर्चुअली संवाद भी किया।
मध्यप्रदेश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थ-व्यवस्था आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के संकल्प के क्रम में ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप विकसित कर गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। मध्यप्रदेश, भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था है। प्रदेश की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ हो गई है। पर केपिटा इनकम एक लाख 40 हजार रूपए है। सिंचाई क्षमता में भी हमने बहुत वृद्धि की है। कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। कृषि उत्पादों के वैल्यू एडिशन में कौशल उन्नयन से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर निर्मित किए जा रहे हैं।
उद्यमियों की कठिनाइयों को दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती से सफल उद्यमियों को विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। उद्यमियों की कठिनाइयों को दूर करने में क्लस्टर एप्रोच की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकार छोटे उद्योगों को निर्मित अधो-संरचना उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रयास कर रही है। उद्यमियों को दी जाने वाली सब्सिडी उन्हें बिना कठिनाई के उपलब्ध हो और इसमें होने वाले लेन-देन की संभावनाओं को शून्य करने के उद्देश्य से ही सब्सिडी दी गई है। मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना में युवाओं को काम सीखने के बदले प्रतिमाह 8 हजार रूपए का स्टाइफंड उपलब्ध कराया जाएगा। काम सीखने से हुए कौशल उन्नयन से युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी।

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