Homeमध्यप्रदेशगर्मी में बिजली, पानी ने रुलाया.. जब प्रदेश के मुखिया भी हुए...

गर्मी में बिजली, पानी ने रुलाया.. जब प्रदेश के मुखिया भी हुए अंधेरे के शिकार

भोपाल। पूरे मप्र में बिजली संकट है। गांव में बिजली घंटों गुल हो रही है, तो शहरों में भी कब बत्ती गुल हो जाए भरोसा नहीं। जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहर तो छोड़ ही दो, भोपाल तक इसका शिकार हो गया है। प्रदेश की राजधानी में भी इसकी बानगी देखने को मिली, जब सीएम के कार्यक्रम में ही 5 मिनट तक अंधेरा छा गया। भोपाल में जब प्रशासन अकादमी में सिविल सर्विस डे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के बीच में बिजली गुल हो गई। माइक भी बंद हो गया। शिवराज एक कहानी सुनाने वाले थे कि बिजली चली गई। बिजली जाने पर शिवराज ने पूछा कि ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे हैं क्या यहां? इतना पूछने पर कुछ अधिकारी हंस पड़े। शिवराज ने भी माना कि कोयले का भी संकट है अभी। इस दौरान बिजली करीब 5 मिनट से ज्यादा गुल रही।
मुख्यमंत्री का अंधेरे में चलता रहा भाषण
मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान बिजली गुल होने के बाद भी अंधेरे में बोलते रहे। इस दौरान डिस्चार्ज होने पर माइक बंद हो गया। बहरहाल बिजली आई तो फिर पूरा सभागार जगमग हो उठा। लेकिन इससे विरोधियों को सवाल उठाने का मौका जरूर मिल गया। भले ही कोयला संकट हो या कुछ और लेकिन सवाल तो उठ रहे हैं कि आखिर बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर प्रदेश के लिए ऐसी नौबत आई क्यों..?
अप्रैल में बुरे हाल.. क्या करेगी प्रदेश सरकार
वैसे तो देश के कई राज्यों में बिजली का संकट गहरा रहा है। मप्र, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में बिजली संकट बढ़ गया हे। बताया जा रहा है कि यहां कोयले की भारी कमी है। बहरहाल चर्चा यह भी है कि प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त बिजली नहीं खरीदी जिससे सप्लाई और डिमांड में फर्क आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 8-10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, तो अब शहर और राजधानी जैसे क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं हैं। अब देखना होगा कि प्रदेश सरकार बिजली संकट और कम कोयले के संकट से कैसे प्रदेश की जनता को उबारेगी..?

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments