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सरपंचों से बोले सीएम, किसी ने वोट न दिया हो, तो भी सभी के प्रति आपकी एक समान जिम्मेदारी

  • जंबूरी मैदान में नवनिर्वाचित सरपंचों का राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण सह सम्मेलन में बोले शिवराज
  • लोकतंत्र की सुदृढ़ता इसी में है कि जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति की जाए

भोपाल। लोकतंत्र की सुदृढ़ता इसी में है कि जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति की जाए। जनता की सेवा के लिए जनप्रतिनिधि चुने गए हैं, इसलिए जनप्रतिनिधियों की मांग के मुताबिक कार्य किए जाएं, मैंने यह निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। लोकतंत्र की विशेषता चुनाव है। आप सरपंच चुने गए और हो सकता है कि किन्हीं मतदाताओं ने आपको वोट न किया हो, लेकिन चुने जाने के बाद सभी के प्रति एक समान जिम्मेदारी बनती है, इसलिए व्यापक दृष्टिकोण के साथ सबके कल्याण का कार्य करें। यह बात जम्बूरी मैदान में नवनिर्वाचित सरपंचों का राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण सह सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही।

आप ग्राम पंचायत के सरपंच और मैं बड़ी पंचायत का सरपंच-शिवराज

उन्होंने कहा कि सरपंचों का 5 साल का यह कार्यकाल यशस्वी हो और वह जनता के संकल्प और सपने ढंग से पूरे कर पाएं इसलिए त्रिस्तरीय पंचायती राज में आपको जो अधिकार दिए गए हैं वह अधिकार आपके ही हाथ में होंगे। मैं उनको किसी और के हाथ में नहीं दिए जाने दूंगा। सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में आप सभी निर्वाचित सरपंच एक बराबर हैं। आप ग्राम पंचायत के सरपंच है और मैं बड़ी पंचायत का सरपंच हूं। सरपंच का दायित्व अपने क्षेत्र के नागरिकों का कल्याण और उनके जीवन को सुगम बनाना है। आप किसी भी जरूरत और जनता की मांग के लिए सीधे नकार नहीं सकते, समाधान के रास्ते तलाशने होंगे। समान भाव से उत्तम व्यवहार करना होगा। सरपंच का दायित्व मिलने के बाद आपको सदैव सजग एवं सतर्क रहना है। ऐसा ना हो कि पद आपके पास है और दायित्वों का निर्वहन किसी दूसरे के इशारे पर हो रहा है। कोई भी कार्य हो, पूरी जानकारी प्राप्त करें, गड़बड़ी न होने दें। मेरी नजर पूरे प्रदेश में विकास और जनकल्याण के कार्यों पर है, लेकिन सभी जगह पहुंचना संभव नहीं, इसलिए मैं चाहता हूं कि पूरे प्रदेश में आप सरपंच ही मेरी नजर बन जाओ और मैं आपके माध्यम से पूरे प्रदेश के विकास के लिए कार्य कर सकूं।

गरीब की सेवा से बड़ा कोई सुख और धर्म नहीं है

शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सब का प्रयास। तो हमारी कोशिश हो कि विकास के काम में हम सबको साथ लेकर चलें। सरकार और सरपंच मिलकर कार्य करेंगे तो प्रदेश के गांव-गांव तक का विकास तेजी से होगा। मैं आप सभी के संपर्क में रहूं, यह आवश्यक है। हमें लोक कल्याण और गरीब-कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए सदैव समर्पित होकर कार्य करना चाहिए। गरीब की सेवा से बड़ा कोई सुख और धर्म नहीं है।

श्रीरामचरितमानस की चौपाई सुनाई

श्रद्धेय श्री तुलसीदास जी महाराज ने श्रीरामचरितमानस में कहा है कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई.. पंचायत चलाने में जनता का सहयोग, जनता से सीधा जुड़ाव हो इसलिए नियमित अंतराल के बाद ग्रामसभा का आयोजन होते रहना चाहिए। जनता की भागीदारी से यदि आप कोई काम करेंगे तो उस काम में सफलता अधिक मिलेगी। हर सरपंच से मेरी अपेक्षा है कि आप अपने गांव को समृद्ध बनाएं। चुनाव के बाद गांव का माहौल सौहार्दपूर्ण और एक-दूसरे की मदद करने वाला बने, किसी भी प्रकार के विवाद और मामूली झगड़े आपसी सहमति से ही सुलझाएं। ग्राम स्वराज का एक नया कांसेप्ट तैयार करके मैं आपके सामने प्रस्तुत करूंगा जिसमें गांव की चीजें गांव में ही निपट जाए इस बात की कोशिश होगी।

सीएम हेल्पलाइन में झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो

शिवराज ने कहा कि सरपंच भाई-बहनों अपना गांव गरीबी मुक्त कैसे बने, इस पर गंभीरता से सोचें। प्रधानमंत्री आवास योजना के 38 लाख मकान हमारे बन चुके हैं। अभी 8 लाख मकान के निर्माण का कार्य चल रहा है। इस वर्ष हमने 10 हजार करोड़ रूपए का बजट मकानों के निर्माण के लिए दिया है। जैसे शहर का मास्टर प्लान बनता है वैसे हम गांव का मास्टर प्लान बनाएं और तय कर लें कि पहले साल कौन सा काम करना है। अब कोई अधिकारी नहीं, ग्रामसभा और ग्राम पंचायत मिलकर काम तय करेगी। अपने गांव का प्रत्येक बच्चा पढऩे स्कूल जाए। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा का स्तर सुधरे। इसमें आप सबका सहयोग चाहिए। मेरा आप सब से आग्रह है कि अपने गांव में बेटियों व महिलाओं का सम्मान करें। वह देवी हैं। मैं हर कार्यक्रम में यह संदेश देने की कोशिश करता हूं कि बेटी बोझ नहीं, वरदान है। बेटियों के प्रति अपना गाँव आदर रखे इसमें आपका सहयोग चाहिए।
सरपंचों का मानदेय अब 4250 रूपए होगा, प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार 125 लाख

शिवराज ने कहा कि मैं यह व्यवस्था करुंगा कि सीएम हेल्पलाइन में झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो। सरपंचों का मानदेय अभी केवल 1750 रूपए है जिसे बढ़ाकर में 4250 रूपए कर रहा हूँ। ग्राम पंचायत में प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार 15 लाख रूपए तक के हैं। उन्हें बढ़ाकर 25 लाख रूपए कर दिया जाएगा। हम साथ मिलकर गांव की तस्वीर व जनता की तकदीर बदलेंगे।

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